नई दिल्ली:भारत और रूस को फिडे ऑनलाइन शतरंज ओलम्पियाड में रविवार को विवादास्पद फाइनल के बाद संयुक्त विजेता घोषित किया गया। रूस को शुरू में विजेता घोषित किया गया था जब दो भारतीय खिलाड़ी निहाल सरीन और दिव्या देशमुख फाइनल में अपनी बाजियां समय के आधार पर हार गए थे जबकि उनका समय का नुकसान इंटरनेट कनेक्शन चले जाने की वजह से हुआ था। भारत ने विवादास्पद परिणाम के बाद आधिकारिक अपील दर्ज कराई थी और कहा था कि उनके खिलाड़ियों का इंटरनेट कनेक्शन सर्वर फेल हो जाने के कारण चला गया था। भारत की अपील के बाद दोनों देशों को संयुक्त विजेता घोषित किया गया। भारत की इस खास उपलब्धि पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय शतरंज टीम को बधाई दी है।
पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, ”हमारे शतरंज के खिलाड़ियों को ऑनलाइन चेस ओलंपियाड में गोल्ड मेडल जीतने पर बधाई। आपकी कड़ी मेहनत और जज्बा तारीफ के लायक है। इस खास जीत से निश्चित तौर पर हमारे दूसरे चेस के खिलाड़ी मोटिवेट होंगे। मैं इसके अलावा रूस को भी इस जीत के लिए बधाई देता हूं।”
अंतरराष्ट्रीय शतरंज महासंघ फिडे ने बयान जारी कर कहा कि पूरे मुद्दे की जांच करने के उसके अध्यक्ष अकार्दी डोवोरकोविच ने दोनों टीमों को गोल्ड मेडल देने का फैसला किया। यह पहली बार था जब फिडे ने ओलम्पियाड को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर आयोजित किया।
फाइनल में दोनों टीमों के बीच पहला राउंड 3-3 से ड्रॉ रहा था। दूसरा राउंड भी बराबरी पर चल रहा था कि निहाल और दिव्या को समय के आधार पर पराजित घोषित किया गया। टूर्नामेंट में भारत का प्रतिनिधित्व विदित गुजराती, पूर्व विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद, कोनेरू हम्पी, डी हरिका, आर प्रागननन्दा, पी हरिकृष्णा और दिव्या देशमुख ने किया।