नई दिल्ली:भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार तेज गेंदबाज इशांत शर्मा पिछले पांच साल से टेस्ट क्रिकेट में लगातार बेहतर होते गए हैं। एक समय था जब रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा। वर्तमान में तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी और जसप्रीत बुमराह का टीम में जलवा था। एक समय वह भी था, जब इशांत बहुत ज्यादा प्रभावी नहीं थे। यह गेंदबाज हालांकि, कभी आंकड़ों के पीछे नहीं भागा। हाल ही में एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि वह सिर्फ इतना चाहते थे, जो उनके कप्तान महेंद्र सिंह धोनी उनसे करने को कहते।
महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी के दौरान अक्सर इशांत शर्मा को बफर विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा। बिना इस बात की परवाह किए कि उन्हें विकेट मिल रही है या नहीं, वह अपनी भूमिका निभाते।
इशांत शर्मा ने ईएसपीएनक्रिकइन्फो के शो ‘क्रिकबाज’ में कहा, ”महेंद्र सिंह धोनी ने हमेशा उन्हें सपोर्ट किया। पहले 50-60 टेस्ट खेलने के बाद भी उन्होंने कभी नहीं कहा कि वे मेरा विकल्प खोज रहे हैं। अब 97 टेस्ट खेलने के बाद भी मैं औसत और स्ट्राइक रेट को नहीं समझ पाया। मैंने इन चीजों की कभी परवाह नहीं की।”
32 वर्षीय इशांत शर्मा ने कहा, ”यदि मैं उन्हें समझ नहीं पाता तो वह मुझ पर भरोसा क्यों करते हैं? यह सिर्फ एक आंकड़ा है। यदि मैं भारत में गेंदबाजी कर रहा हूं तो मैं 20 ओवर में सिर्फ 40 रन खर्च करता हूं। स्पिनर विकेट लेते हैं। मेरे लिए यह अहम है।”
2007 में डेब्यू करने वाले इशांत शर्मा 97 टेस्ट में 3.18 की इकोनॉमी से अबतक 297 विकेट ले चुके हैं। उनका औसत 32.39 है। वह 80 वनडे क्रिकेट में 5.72की इकोनॉमी से 115 विकेट भी ले चुके हैं। इशांत का कहना है, ”मेरे लिए यह महत्वपूर्ण नहीं है कि मेरा औसत 37 है। मेरा कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से हमेशा संवाद बना रहा और उन्होंने मुझे समर्थन दिया।”