तेहरान:ईरान के अर्धसैनिक रिवोल्यूशनरी गार्ड ने मंगलवार (28 जुलाई) को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण होरमुज़ जलडमरूमध्य में एक नकली विमान वाहक पोत पर हेलीकॉप्टर के जरिए मिसाइल से हमला किया। यह एक मॉक ड्रिल था, जिसका उद्देश्य तेहरान और वॉशिंगटन में बढ़े तनावों के बीच अमेरिका को धमकी देना था।
ईरान के स्टेट टेलीविज़न की रिपोर्ट में बताया गया है कि ईरानी कमांडो भी “ग्रेट प्रोफेट 14” नामक अभ्यास के दौरान विमान वाहन की इस प्रतिकृति पर एक हेलीकॉप्टर से तेजी से हमला करते नजर आए। अन्य फुटेज में एक हेलीकॉप्टर को प्रतिकृति पर एक मिसाइल दागते हुए दिखाया गया, जिसमें बोर्ड पर 16 फर्जी फाइटर जेट्स थे, जबकि तेज नौकाओं ने जहाज को घेर लिया, जिससे समुद्र में सफेद लहर दौड़ गई।
ईरानी सैनिकों ने ड्रोन को लक्ष्य कर एक जगह से एंटी-एयरक्राफ्ट बैटरियों से भी निशाना साधा। स्टेट टेलीविजन की रिपोर्ट के अनुसार, यह अभ्यास बंदर अब्बास के पास किया गया। विमान वाहक पोत की प्रतिकृति निमित्ज़-श्रेणी जैसी दिखती है जिसे अमेरिकी नौसेना नियमित रूप से जलमार्ग के संकीर्ण हिस्से- होरमुज के जलडमरूमध्य से फारस की खाड़ी भेजती रहती है।
दोनों अहम एयरबेस अलर्ट पर
इससे पहले कि सभी समझ पाते कि वास्तव में हुआ क्या है एक अमेरिकी अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा, “अभ्यास के दौरान बैलिस्टिक मिसाइल फायर को डिटेक्ट करने के बाद संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अबू धाबी में अल दाफरा एयरबेस पर अमेरिकी सैनिकों के साथ ही अल-उदीद एयरबेस जो कि कतर में अमेरिकी सेना के मध्य कमान का मुख्यालय है, को अलर्ट पर रखा गया है।”
अधिकारी ने कहा, “खतरे को देखते हुए बेस पर मौजूद लोगों ने खुद को सुरक्षित कर लिया और 20 मिनट के बाद जब अधिकारियों को लगा कि मिसाइलें उनके बेस की तरफ नहीं आ रही थीं तो फिर वहां सामान्य रूप से गतिविधियां शुरू हो गईं।” दोनों ठिकाने (एयरबेस) उस जगह से सैकड़ों किलोमीटर (मील) दूर हैं जहां ईरान ने प्रतिकृति विमान वाहक (एयरक्राफ्ट कैरियर) लगाया है।