नई दिल्ली:पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नौसेना के रिटायर्ड अधिकारी कुलभूषण जाधव के मामले में केंद्र सरकार ने पाकिस्तान पर निशाना साधा है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि इस मामले ने पाकिस्तान के पाखंडी रवैये को उजागर कर दिया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कुलभूषण जाधव को वकील मुहैया कराए जाने के लिए पाक सरकार द्वारा हाई कोर्ट में याचिका दायर किए जाने के सवाल पर कहा, ‘पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव मामले में समाधान के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। इस मामले में पाकिस्तान की कार्रवाई ने उसके पाखंडी रवैये को उजागर कर दिया है।’
पाकिस्तान सरकार ने एकतरफा कार्रवाई करते हुए बुधवार को इस्लामाबाद हाई कोर्ट में एक अर्जी देकर जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के लिए कानूनी प्रतिनिधि (वकील) की नियुक्ति करने की मांग की थी। लेकिन, संघीय अध्यादेश के तहत इस मामले में अर्जी देने से पहले पाकिस्तान के कानून एवं न्याय मंत्रालय ने भारत सरकार सहित मुख्य पक्षों से विचार नहीं किया।
भारतीय नौसेना के रिटायर्ड 50 वर्षीय अधिकारी जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जासूसी और आतंकवाद के जुर्म में अप्रैल 2017 में मौत की सजा सुनाई थी। भारत इस मामले को अंतरराष्ट्रीय अदालत ले गया और वहां जाधव को राजनयिक पहुंच नहीं दिए जाने और मौत की सजा को चुनौती दी थी।
हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय अदालत ने जुलाई 2019 में अपने फैसले में कहा कि पाकिस्तान जाधव को दोषी करार दिए जाने और उसकी सजा पर प्रभावी तरीके से विचार करे और बिना किसी देरी के भारत को राजनयिक पहुंच दे। पाकिस्तान ने इस संदर्भ में 20 मई को एक अध्यादेश पारित किया जिसके तहत, अध्यादेश आने से 60 दिन के भीतर सैन्य अदालत के फैसले को एक आवेदन देकर इस्लामाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। पाकिस्तान सरकार का दावा है कि जाधव ने अपने फैसले के खिलाफ समीक्षा याचिका दायर करने से इंकार कर दिया है।