नई दिल्ली:दिल्ली सरकार अपने रिवाइज्ड ”कोविड रिस्पॉन्स प्लान” (COVID Response Plan) के तहत अब दिहाड़ी मजदूरों, घरेलू सहायकों, ऑटो चालकों और सब्जी विक्रेताओं का ब्योरा रखने के साथ ही उनकी जांच शुरू करेगी।
स्वास्थ्य सेवाएं महानिदेशालय ने एक आदेश में कहा कि यह कंटेनमेंट जोन, बफर जोन और अन्य इलाकों में घर-घर सर्वे करके अत्यधिक जोखिम की श्रेणी में आने वाले लोगों (60 वर्ष से अधिक और अन्य बीमारियों से ग्रसित) की सूची बनाने के साथ ही इनकी स्क्रीनिंग शुरू करेगी।
आदेश के मुताबिक, नगर निगम, आरडब्ल्यूए, पुलिस एवं अन्य विभागों की सहायता से विशेष निगरानी समूह को लेकर सूची तैयार की जाएगी, जिसमें रिक्शा चालक, प्लम्बर,बिजली का काम करने वाले, बढ़ई, ऑटो-टैक्सी चालक, पार्सल बांटने वाले, घरेलू सहायक आदि शामिल रहेंगे।
इसके मुताबिक, सभी जिलों को 60 वर्ष या इससे अधिक उम्र वाले लोगों और ऐसे लोगों की सूची तैयार करने को कहा गया है जोकि हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और कैंसर जैसी बीमारियों से ग्रसित हैं।
दिल्ली में कोरोना के केस 1 लाख 5 हजार के करीब
राजधानी दिल्ली में बुधवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 2,033 नए मामले सामने आए, जिसके साथ ही संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर 1,04,864 तक पहुंच गया। इस घातक वायरस से 48 और मरीजों की मौत के बाद कुल मृतकों संख्या 3,213 हो गई है। दिल्ली में अभी कोरोना के 23,452 एक्टिव केस हैं।
वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शहर में पिछले दो हफ्तों में कोविड-19 से हुई मौत के लिए जिम्मेदार कारकों पर स्वास्थ्य सचिव से विस्तृत विश्लेषणात्मक रिपोर्ट मांगी है। अधिकारियों के मुताबिक, दिल्ली में पिछले दो हफ्तों में कोविड-19 से 800 से अधिक मौत हुई जिनमें से 397 लोगों की जुलाई के पहले हफ्ते में इस बीमारी से मौत हुई थी। अधिकारियों ने कहा कि रिपोर्ट मांगने का मकसद राजधानी में कोरोना वायरस से होने वाली मौतों को घटाने के लिए सभी संभव कदम उठाना है।