बरेली:जिहाद के जरिए अपने लोगों को इंसाफ दिलाने के लिए इनामुल हक तंजीम बनाने की तैयारी में था। तंजीम के लिए उसे हाईटेक युवाओं की तलाश थी। इसी वजह से उसने फरवरी में दिल्ली में बैठक बुलाई थी। दिल्ली बैठक में ही उसके खतरनाक मंसूबे जाहिर होते। इससे कुछ दिन बाद ही लाक डाउन हो गया। बाद में दहशतगर्द एटीएस के हत्थे चढ़ गए।
यूपी एटीएस ने पिछले दिनों किला इलाके के रहने वाले अबू मोहम्मद अल हिंदी उर्फ इनामुल हक, जम्मू कश्मीर के रहने वाले सलमान खुर्शीद वानी को गिरफ्तार किया था। दोनों के मोबाइल जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजे गए थे। गुरुवार को दोनों के मोबाइल की फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट आ गई। उसमें एटीएस को कुछ अहम सुराग मिले हैं। दोनों इंटरनेट कॉलिंग, व्हाट्सएप मैसेंजर और टेलीग्राम के जरिए एक दूसरे से बात करते थे।
फरवरी में दिल्ली में होने वाली मीटिंग के लिए उन्होंने 42 लोगों से संपर्क किया था। इसमें 12 लोगों ने मीटिंग में आने की सहमति व्यक्त कर दी थी। एटीएस एडीजी डीके ठाकुर ने बताया कि दिल्ली में होने वाली मीटिंग में इनामुल हक तंजीम का गठन करने वाला था। मीटिंग में ही उसकी तंजीम का अपना एक नया नाम होता। उसका कहना है कि उसके लोगों पर अत्याचार किया जा रहा है। वह जिहाद के जरिए उनको इंसाफ दिलाने के लिए तंजीम बनाने वाला था।
सेल्फ रेडिकलाइजेशन वाले हैं नौ जवान
इनामुल हक और सलमान बानी सेल्फ रेडिकलाइजेशन के जरिए जिहाद की ओर बढ़ रहे थे। सोशल मीडिया से लेकर उनकी तमाम पोस्ट ऐसी हैं। जिन से साफ जाहिर है कि वह किसी खास संगठन से नहीं जुड़े थे। आतंक फैलाने और जिहाद को बढ़ावा देने वाली सभी पोस्ट को फॉलो करते थे और शेयर करते थे। इन्हीं सब के जरिए वह एक नया संगठन खड़ा कर अपने खतरनाक मंसूबों को पाल रहे थे।
मुरादाबाद के अब्दुल हन्नान को एटीएस ने छोड़ा
पिछले दिनों एटीएस ने मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा इलाके से अब्दुल हन्नान को हिरासत में लिया था। 17 वर्षीय अब्दुल हन्नान से एटीएस ने 2 दिनों तक पूछताछ की। पूछताछ में पता लगा कि अब्दुल हन्नान इनामुल हक के संपर्क में था लेकिन उसने दिल्ली मीटिंग में जाने के लिए मना कर दिया था। उसके मोबाइल में कुछ पोस्ट के अलावा ऐसा कुछ खतरनाक साहित्य नहीं मिला है। जिससे वह आतंकी और माहौल बिगाड़ने वाला सािबत हो सके। जिस वजह से एटीएस ने गुरुवार को उसे छोड़ दिया।