ब्यूरो प्रतिनिधि/गोंडा (यूपी)। उत्तर प्रदेश में जैसे जैसे पंचायत चुनाव करीब आ रहे हैं, वैसे-वैसे वर्चस्व की लड़ाई और दबंगई रफ्तार पकड़ रही है। पूरे प्रदेश में धन बल और बाहुबल का कथित खेल शुरू हो चुका है ताकि पंचायतों में इनका कब्जा बरकरार रह सके। हाल ही में जिले के इटियाथोक थाने के अंतर्गत हुई अपहरण की एक घटना तो इसी तरफ इशारा करती है, जिसमें आरएसएस की स्टूडेंट विंग एबीवीपी के एक नेता के अपहरण का आरोप भाजपा नेता पर लगा है तथा मामले को लेकर पूरा प्रशासन मौन है। एक तरफ यह पार्टी एवं सरकार के लिए बदनामी का कारण बन रहा है तो दूसरी तरफ पूरे गोंडा जिले में यह चर्चा का विषय बना हुआ है।
जानकारी के अनुसार, 20 जून की दोपहर 2 बजे के करीब पंचायत चुनाव में एक बार ताल ठोक चुके नवनीत मिश्रा पर दीनानाथ वर्मा के अपहरण का आरोप लगाते हुए उनके पिता अयोध्या प्रसाद वर्मा ने थाने में मामला दर्ज कराया। पुलिस ने धारा 364 के तहत मामला दर्ज कर नवनीत मिश्रा को थाने में बिठाया है, लेकिन पांच दिन बीत जाने का बावजूद अभी तक उन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है।
उल्लेखनीय है कि दीनानाथ वर्मा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता हैं तथा वे एबीवीपी के जिला संयोजक शिवम पांडेय के करीबी हैं जबकि शिवम खिदलौल से जिला पंचायत सदस्य पद के संभावित प्रत्याशी हैं। नवनीत मिश्रा पिछली बार जिला पंचायत चुनाव में किस्मत आजमा चुके हैं, जिसमें उन्हें लगभग 300 वोट मिले थे। आने वाले जिला पंचायत चुनावों में उनकी संभावित उम्मीदवारी को देखते हुए इस अपहरण कांड को इसी कड़ी का हिस्सा और दबाव की रणनीति बताया जा रहा है ताकि लोगों पर दबंगई वाली छवि दिखाकर वोट हासिल किया जा सके।
सूत्रों के अनुसार, दिलचस्प बात यह है कि नवनीत मिश्रा को क्षेत्रीय विधायक विनय कुमार द्विवेदी का खुला समर्थन प्राप्त है और यही कारण है कि चार दिन बीतने बावजूद पुलिस द्वारा थाने में बिठाकर रखा गया है ताकि दीनानाथ वर्मा से सुलह करवाया जा सके।