नई दिल्ली:अभ्यास नहीं कर पाने से परेशान एशियाई खेलों के कांस्य पदक विजेता तैराक वीरधवल खड़े ने रविवार को कहा कि अगर कोरोना वायरस के कारण लगे प्रतिबंधों की वजह से स्वीमिंग पूल आगे भी बंद रहते हैं तो वह खेल से संन्यास लेने पर विचार कर सकते हैं। खाड़े ने कहा कि अभ्यास की बहाली में देरी से टोक्यो ओलंपिक से पहले भारतीय तैराकों को बहुत नुकसान हो रहा है। थाईलैंड, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन सहित कई देशों ने अपने स्वीमिंग पूल खोल दिए हैं और तैराकों को अभ्यास की अनुमति दे दी है लेकिन भारत में गृह मंत्रालय ने भले ही प्रतिबंधों में ढील देने की घोषणा की कि लेकिन कोरोना वायरस के लगातार बढ़ रहे मामलों के कारण स्वीमिंग पूल खोलने की अनुमति नहीं दी।
खड़े ने ट्वीट किया कि तैराकी से संन्यास लेने पर विचार करना पड़ सकता है। फिर से तैराकी शुरू करने को लेकर कोई समाचार या संदेश नहीं मिला है। चाहता हूं कि तैराकी को भी अन्य खेलों की तरह से आंका जाए। उन्होंने अपने इस ट्वीट में खेल मंत्री किरेन रीजीजू और भारतीय तैराकी महासंघ को भी टैग किया है। गृह मंत्रालय ने दर्शकों के बिना स्टेडियम खोलने की अनुमति दे दी है तथा ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुके कई खिलाड़ियों ने अभ्यास भी शुरू कर दिया है।
खड़े ने कहा कि भारत में तैराकों को स्वीमिंग पूल में उतरे लगभग तीन महीने हो गए हैं। जब अन्य खेलों के खिलाड़ी अभ्यास के दौरान सामाजिक दूरी का पालन कर सकते हैं तो तैराक भी ऐसा कर सकते हैं। उम्मीद है कि ओलंपिक में तैराकी के अन्य संभावित दावेदार इस वजह से संन्यास पर विचार नहीं करेंगे। भारतीय तैराकी महासंघ (एसएफआई) ने खेल परिसरों के अंदर स्वीमिंग पूल को खोलने के लिए खेल मंत्रालय से गृह मंत्रालय से स्पष्ट अनुमति लेने का आग्रह किया था ताकि शीर्ष तैराक अभ्यास शुरू कर सकें। एसएफआई के अनुसार एलीट तैराकों के लिए स्वीमिंग पूल खोलना मनोरंजन के लिए तैराकी के अंतर्गत नहीं आता जैसा कि गृह मंत्रालय के दिशानिर्देशों में कहा गया है।