नई दिल्ली:खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि नई शिक्षा नीति में खेल कोर्स का अनिवार्य हिस्सा होंगे, इन्हें अतिरिक्त गतिविधियों में शामिल नहीं किया जाएगा। रिजिजू ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रीय खेल शिक्षा बोर्ड को तैयार करने के लिए एक समिति का गठन किया है। रिजिजू ने 21वीं शताब्दी में ओलिम्पज्म, ओलिम्पक शिक्षा पर अंतरार्ष्ट्रीय वेबिनार के पहले सत्र में कहा, “भारत की नई शिक्षा नीति में खेल भी पढ़ाई का हिस्सा होंगे। यह अतिरिक्त गितिविधियों का हिस्सा नहीं होंगे।”
उन्होंने कहा, “मैंने हमेशा इसमें विश्वास किया है कि शिक्षा एक है, खेल एक है, और यह समान हैं।” रिजिजू ने कहा कि खेल को एक वैकल्पिक विषय के रूप में नहीं देखा जा सकता। उन्होंने कहा, “खेल भी शिक्षा है, इसलिए खेल अतिरिक्त गतिविधि नहीं हो सकते। इसलिए खेल को वैकल्पिक विषय नहीं माना जा सकता…. खेल शिक्षा का हिस्सा है, इसे मंजूर करना चाहिए।”
खेल मंत्री ने कहा, “भारत की नई शिक्षा नीति अभी तक आधिकारिक तौर पर घोषित नहीं हुई है, लेकिन यह अपने अंतिम पड़ाव में है। मेरे मंत्रालय ने खेल को शैक्षिणक तंत्र का हिस्सा बनाए जाने के लिए राष्ट्रीय समिति में काफी मजबूती से अपनी बात रखी है।”
रिजिजू ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रीय खेल शिक्षा बोर्ड के गठन के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। उन्होंने कहा, ”मुझे यह साझा करते हुए काफी खुशी हो रही है कि हम पहले ही हमारे राष्ट्रीय खेल शिक्षा बोर्ड की घोषणा कर चुके हैं। अब यह गठन की प्रक्रिया पर हैं और मैंने उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है और यह समिति चर्चा कर रही है कि राष्ट्रीय खेल शिक्षा बोर्ड को कैसे मूर्त रूप दिया जाए।”
रिजिजू साथ ही देश का ‘ओलंपिक संग्रहालय’ बनाने को लेकर भी उत्सुक हैं और उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के बाद स्थिति सामान्य होने पर इस संदर्भ में चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा, ”मुझे निजी तौर पर लगता है कि ओलंपिक संग्रहालय बेहद महत्वपूर्ण निधि है। प्रत्येक देश में इसे बनाने की जरूरत है और भारत जैसे देश में, हमारी अच्छी विरासत है, हमारे यहां यह होना ही चाहिए।”
रिजिजू ने कहा, ”शायद कोविड-19 के खत्म होने के बाद हम खूबसूरत ओलंपिक संग्रहालय के बारे में बात करेंगे। शायद दिल्ली में, शायद हमारे राष्ट्रीय स्टेडियम में… मैं भारत में ओलंपिक संग्रहालय को लेकर काफी उत्सुक हूं।”