नई दिल्ली:यूपी के 69000 शिक्षक भर्ती कट ऑफ मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी कर यूपी सरकार को 37339 पदों को होल्ड करने का आदेश दिया। कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 14 जुलाई 2020 की तारीख तय की है। 69000 शिक्षक भर्ती में कट ऑफ मामले को लेकर शिक्षामित्रों की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को 37, 339 पदों को रोकने का निर्देश दिया है।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में यूपी सरकार से 40/45 के कटऑफ पर कितने शिक्षामित्र पास हुए हैं, इसका डाटा मांगा था। लेकिन शिक्षामित्रों का कहना है कि लिखित परीक्षा में टोटल 45357 शिक्षामित्रों ने फॉर्म डाला था, जिसमें से 8018 शिक्षामित्र 60-65% के साथ पास हुए। लेकिन इसका कोई डेटा नहीं है कि कितने शिक्षामित्र 40-45 के कटऑफ पर पास हुए। इसीलिए 69000 पदों में से 37339 पद रिजर्व करके सहायक शिक्षक भर्ती की जाए या फिर पूरी भर्ती प्रक्रिया पर स्टे किया जाए।
क्या है मामला
लिखित परीक्षा के डेढ़ साल बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सरकार के कट ऑफ मार्क्स के फैसले को सही ठहराया था। कोर्ट ने 65 और 60 फीसदी अंक के साथ रिजल्ट घोषित करने का निर्देश दिया था। जबकि शिक्षा मित्रों की मांग थी कि भर्ती के लिए विज्ञप्ति के वक्त कट ऑफ मार्क्स का जिक्र नहीं किया गया था। लिहाजा चयन 45 और 40 फ़ीसदी अंक के आधार पर ही होना चाहिए। आपको बता दें कि इस परीक्षा में 8018 शिक्षामित्र पास हुए हैं। लिखित परीक्षा के नतीजे जारी होते ही उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र एसोसिएशन ने 69000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। वकील गौरव यादव की ओर से दायर इस याचिका में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाने या उसे रद्द करने की मांग की थी।
गौरतलब है कि न्यायमूर्ति आलोक माथुर ने गत तीन जून को प्रदेश में 69000 बेसिक शिक्षकों की भर्ती संबंधी प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट की न्यायाधीश अलोक माथुर की बेंच ने 3 जून को 69000 भर्ती की चयन प्रक्रिया पर रोक यह कहते हुए लगा दी थी कि कि परीक्षा के दौरान पूछे गए कुछ प्रश्न गलत थे लिहाजा केंद्रीय अनुदान आयोग द्वारा इसकी फिर से पड़ताल किए जाने की जरूरत है। इस पर उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक विशेष याचिका दायर कर राज्य में 69000 बेसिक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया रोके जाने के फैसले को चुनौती दी है।