- ‘हमार भदोही’ की अनूठी पहल पलायित युवाओं को दिलाएगी रोजगार
- बेरोजगारों की मदद के लिए शुरू हुई संस्था की डिजिटल मुहिम
प्रभुनाथ शुक्ल/भदोही। लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण बेजार हुए प्रवासी मजदूरों और शिक्षित युवाओं के लिए समाजिक संस्था ‘हमार भदोही’ ने अनूठी मुहिम की शुरुवात की है। महानगरों से बड़े पैमाने पर घर लौटे हैं। पलायित कामगारों से ‘डिजिटल प्लेटफार्म’ के माध्यम से सम्पर्क में जुटी
है। सामाजिक संस्था ‘हमार भदोही’ के संयोजक संजय श्रीवास्तव ने बताया कि महानगरों से आये कामगारों से ‘सोशलमीडिया’ के माध्यम से सम्पर्क कर उनके स्किल के बारे में जानकारी इकट्ठा की जा रहीं है। डिजीटल फार्म पर उनकी सारी जानकारी जुटाई जा रहीं है। इस मुहिम में अब तक सौ से अधिक कामगारों की जानकारी प्राप्त हुई है। उन्होंने बताया कि भदोही में कालीन उद्योग हमेशा कामगारों की कमी से जूझता रहा है। ऐसे में कामगारों के स्किल के बारे में उद्योग को बता कर उन्हें रोजगार दिलाने में सहायता की जा सकती है।
संजय श्रीवास्तव ने बताया कि कोरोना काल में तमाम नई जरूरतें भी बढ़ी हैं। जिसमे मास्क, सेनिटाइजर, हैंडवाश और पीपीई किट बनाने के साथ कई अन्य कार्य शुरू हुए हैं। कालीन उद्योग से से जुड़े तमाम बिजनेसमैन हैं जो नए कार्यो की भी शुरूवात करने पर विचार कर रहे हैं। इनके साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी बाहर से आये कामगारों को रोजगार देने के लिए सूक्ष्म, मध्यम एंव लघु उद्योगों पर जोर दिया है। इस तरह के उद्योग के विकास से योग्य कामगारों की जरूरत पड़ेगी। इस मुहिम के ज़रिए बाहर से आये कामगारों को जागरूक कर उन्हें सुझाव देने के साथ उनकी कार्यक्षमता के बारे में उद्यमियों को बताया जाएगा। जिससे जिससे कामगारों को रोजगार मिल सके।
श्रीवास्तव ने बताया कि महानगरों से वापस अपने घरों को लौटे तमाम कामगारों में सूचनाओं का का अभाव है। गांवों में किस प्रकार के रोजगार सरकार द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे है। तमाम सहायता देने के साथ विभिन्न योजनाओं से जोड़ने के लिए सरकार भी काम कर रही है। इस दौरान महानगरों से आये कामगरों को सहयोग की जरूरत है। तमाम ऐसे कामगार है जो लंबे समय से काम न मिलने और घर पर ही रहने की वजह से अवसाद में जा सकते हैं। इस वक्त इन्हें उचित सलाह के साथ सहयोग एवं रोजगार दिलाने की ज़रूरत है।