नई दिल्ली:भारत के अनुभवी बल्लेबाज सुरेश रैना ने हाल ही में एक इंस्टाग्राम लाइव सेशन के दौरान भारतीय सिलेक्टर्स और सीनियर्स प्लेयर्स के बीच कम्युनिकेशन गैप के मुद्दे को उठाया। रैना ने अपना आखिरी मैच 2018 में इंग्लैंड के खिलाफ खेला था। कुछ वक्त पहले सुरेश रैना ने कहा था कि नेशनल टीम से बाहर करने के लिए सिलेक्टर्स ने उन्हें कोई कारण नहीं दिया था। हालांकि, रैना के इस बयान पर टीम इंडिया के पूर्व चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने सफाई देते हुए कहा था कि उन्होंने सुरेश रैना से बात की थी।
सुरेश रैना तब से टीम इंडिया से बाहर चल रहे हैं और 2019 में उनकी घुटने की चोट के बाद से उनका कमबैक मुश्किल ही लग रहा है। इस चोट की वजग से उन्हें सर्जरी से गुजरना पड़ा था। इस चोट और सर्जरी की वजह से उन्हें तकरीबन एक साल तक क्रिकेट से दूर रहना पड़ा था।
सिलेक्टर्स और सीनियर खिलाड़ियों के बीच कम्युनिकेशन गैप
रैना राष्ट्रीय टीम में वापस आने और अपने कमबैक की छाप छोड़ने की अपनी पूरी कोशिश में जुटे हुए हैं। ऐसे में उन्होंने सीनियर खिलाड़ियों के साथ सिलेक्टर्स की खराब संवाद क्षमता पर उंगली उठाई है। रैना के मुताबिक, हर खिलाड़ी कड़ी मेहनत करता है और चयनकर्ताओं की जिम्मेदारी होती है कि वह खिलाड़ी को टीम से बाहर करने का कारण बताएं।
किरण मोरे, दिलीप वेंगसरकर की तारीफ की
उन्होंने फैनकोड के साथ एक इंटरव्यू में सीनियर खिलाड़ियों और सिलेक्टर्स के रिलेशनशिप के बारे में बात की। उन्होंने खुलासा किया कि सीनियर खिलाड़ियों ने हमेशा उनका समर्थन किया है। रैना ने यह भी कहा कि दिलीप वेंगसरकर और किरण मोरे जैसे कई अच्छे चयनकर्ता हैं, जो जूनियर के साथ-साथ सीनियर खिलाड़ियों से भी अच्छी बातचीत करते थे। रैना ने कहा कि यदि कोई चयनकर्ता सीधे उनके मुंह पर समस्या को बताता है तो वह इसे पसंद करेंगे।
सिलेक्टर्स को ज्यादा प्रोफेशनल होना चाहिए
सुरेश रैना ने कहा, ”मुझे लगता है कि कहीं न कहीं संवाद होना चाहिए था, मैं हमेशा से यही बात कह रहा था। सीनियर खिलाड़ियों ने मेरा समर्थन किया। चयनकर्ता मेरे हाथ में नहीं हैं। दिलीप वेंगसरकर ने खिलाड़ियों का समर्थन किया। किरण मोरे सर, कई अच्छे चयनकर्ता थे जो खिलाड़ियों के साथ संवाद करते थे। चाहे वे सीनियर हो या जूनियर।”
सिलेक्टर को मुंह पर बोलना चाहिए
उन्होंने कहा, ”एक चयनकर्ता को आमने-सामने बात करने का अधिकार है। मैं इसे पसंद करूंगा, क्योंकि मैंने इसे अपने पिता और महेंद्र सिंह धोनी से यही सीखा है। आप इसे मेरे मुंह पर कहें, अगर कोई समस्या है, तो मैं इसे हल करूंगा।” सुरेश रैना इस समय टीम इंडिया से बाहर चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें किसी भी खिलाड़ी से कोई समस्या नहीं है, लेकिन उनका मुख्य मुद्दा यह है कि चयनकर्ता कब तक पेशेवर नहीं होंगे। यदि कोई खिलाड़ी अपने देश को इतना कुछ देता है, तो उसे अपने सवालों के जवाब पाने का अधिकार है।
किसी खिलाड़ी के साथ कोई समस्या नहीं
सुरेश रैना ने कहा, ”विराट कोहली ने मुझे फिटनेस में सुधार करने के लिए कहा। मैंने किया, इसी वजह से उन्होंने मुझे खेलने का मौका दिया। रोहित को हमेशा से मेरे टैलेंट के बारे में पता है। मुझे किसी भी खिलाड़ी के साथ कोई समस्या नहीं है, लेकिन एक सिलेक्टर होने के नाते, उन्हें और प्रोफेशन होना होगा। मैं किसी एक को टारगेट नहीं कर रहा हूं। मैं सिर्फ इतना कह रहा हूं कि आपने देश के लिए इतना कुछ किया है, आपने बहुत मेहनत की है, अपने परिवार से दूर रहे हैं। ऐसे में मुझे व्यक्तिगत तौर पर लगता है कि हमें उन सवालों के जवाब मिलने चाहिए।”