उन्होंने कहा, ”मुझसे यह सवाल कई बार पूछा गया कि गांगुली और धोनी में कौन बेहतर था? मैंने उन्हें बताया कि भारत 2000 से पहले भी क्रिकेट खेल रहा था। तब कपिल देव, सुनील गावस्कर, वेंकट राघवन और अजित वाडेकर जैसे कप्तान थे। यदि आप मोहिंदर अमरनाथ या मदनलाल से बेस्ट कप्तान के बारे में पूछेंगे तो वह कपिल देव या गावस्कर का नाम लेंगे। कोई भी मोहम्मद अजहरुद्दीन का नाम नहीं लेगा।”
अजहरुद्दीन ने तीन विश्व कपों में भारत की कप्तानी की। वह पूरा युग ही अलग था। आशीष नेहरा ने सर्वाधिक गांगुली के नेतृत्व में क्रिकेट खेला। उन्होंने कहा, ”मैं उन्हीं के बारे में बता सकता हूं, जिनके नेतृत्व में मैं खेला और वह हैं- गांगुली और धोनी। मैं दूसरे कप्तानों के नेतृत्व में अधिक नहीं खेला।”
आशीष नेहरा ने कहा, ”ये दोनों कप्तान ही खिलाड़ियों से बेहतर निकलवाना जानते थे। गांगुली के पास नई टीम बनाने की चुनौती थी, जबकि धोनी के पास गैरी कर्स्टन जैसा कोच था और तैयार टीम थी। सीनियर खिलाड़ियों को लीड करने की चुनौती उनके पास जरूर थी।”
उन्होंने कहा, ”गांगुली के साथ एक अच्छी बात यह थी कि वह खिलाड़ियों को चुनते थे और उनके लिए चयनकर्ताओं से भी लड़ते थे।” नेहरा ने कहा, ”धोनी बहुत कैलकुलेटिव कप्तान रहे। वह भावनाओं से नहीं चलते थे और कूल रहते थे। उनके पास सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण, वीरेंद्र सहवाग, युवराज सिंह और हरभजन सिंह जैसे खिलाड़ी थे। 2007 के टी-20 वर्ल्ड कप में भी उनके पास कई वरिष्ठ खिलाड़ी थे, जिनके साथ उन्होंने बहुत अच्छे से ढील किया।” बता दें कि आशीष नेहरा ने क्रिकेट के सभी फॉर्मैट में भारत के लिए 164 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं।