नई दिल्ली:लॉकडाउन 3.0 के बीच दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर वैट बढ़ा दिया है। पीटीआई के मुताबिक दिल्ली में पेट्रोल पर 1.67 रुपये प्रति लीटर वैट बढ़ाया गया है। वहीं डीजल पर वैट में भारी इजाफा किया गया। दिल्ली में अब डीजल 7.10 रुपये महंगा मिलेगा। आईओसीएल की वेबसाइट के मुताबिक, दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 69.59 रुपये और डीजल की कीमत 62.29 रुपये प्रति लीटर थी। अब पेट्रोल-डीजल के रेट में बढ़ा हुआ वैट भी जुड़ जाएगा। इससे पहले दिल्ली में सरकार ने शराब पर 70 फीसद कोरोना सेस लगा दिया गया।
आईओसी के मुताबिक 5 मई 2020 को चार महा नगरों में पेट्रोल-डीजल के दाम इस प्रकार रहे
शहर | पेट्रोल (रुपये/लीटर) | डीजल (रुपये/लीटर) |
दिल्ली | 71.26 | 69.39 |
मुंबई | 76.31 | 66.21 |
कोलकाता | 73.3 | 65.62 |
चेन्नै | 75.54 | 68.22 |
दिल्ली सरकार ने पेट्रोल पर वैट 27 फीसद से बढ़ाकर अब 30 फीसद कर दिया है, जबकि डीजल के मामले में वैट 16.75 प्रतिशत से लगभग दोगुना होकर 30 प्रतिशत कर दिया गया है। लॉकडाउन के चलते राज्य सरकारों के राजस्व में भारी कमी आई है। राज्यों को केंद्र से मिलने वाले जीएसटी का हिस्सा छोड़ दें तो उनकी आय का सबसे बड़ा जरिया शराब पर टैक्स, जमीन की रजिस्ट्री और पेट्रोल-डीजल से मिलने वाला वैट है। लॉकडाउन ने इन सभी जरियों को लॉक कर दिया है। ऐसे में अन्य राज्य सरकारों की तरह पेट्रोल-डीजल पर वैट बढ़ाना दिल्ली सरकार की मजबूरी है।
बता दें इससे पहले नगालैंड ने पेट्रोल और डीजल पर कोविड-19 सेस लगाकर कीमतों में भारी इजाफा किया था। 28 अप्रैल की मध्यरात्रि से राज्य में पेट्रोल 6 रुपये और डीजल पर 5 रुपये प्रति लीटर महंगा हो गया । असम सरकार ने भी डीजल पर 5 रुपये प्रति लीटर और पेट्रोल पर 6 रुपये प्रति लीटर टैक्स बढ़ा दिया था।
असम में पेट्रोल 71.61 रुपये से बढ़कर 77.46 रुपये प्रति लीटर और डीजल का दाम 65.07 रुपये से चढ़कर 70.50 रुपये प्रति लीटर हो गया। असम मूल्य वर्धित कर अधिनियम, 2003 के प्रावधानों के तहत प्रमुख सचिव समीर कुमार सिन्हा द्वारा जारी अधिसूचना 22 अप्रैल को सुबह 12:00 बजे से प्रभावी हो गई। इसके बाद अब असम में पेट्रोल की कीमत 71.61 रुपये से बढ़कर 77.46 रुपये प्रति लीटर हो गई। डीजल की कीमत 65.07 रुपये से बढ़कर 70.50 रुपये हो गई। कोविड -19 के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए लॉकडाउन के कारण राज्य की अर्थव्यवस्था पर तेल की कीमतों में बढ़ोतरी का दबाव है।