नई दिल्ली:कोरोना वायरस रोकने के लिए दूसरे दौर के लॉकडाउन के बीच केंद्र सरकार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना में मुफ्त में दाल उपलब्ध कराएगी। केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामले के मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि 20 करोड़ लाभार्थियों को तीन माह तक एक किलो दाल प्रति परिवार वितरण के लिए 5.88 लाख टन दाल का आवंटन हो चुका है।
केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने ट्वीट कर कहा कि 28 अप्रैल तक नेफेड ने 1.14 लाख मैट्रिक टन दाल भेजी है। इसमें से 83.167 टन दाल का उठाव राज्यों ने कर लिया है। इसके साथ ओपन मार्केट योजना के तहत भारतीय खाद्य निगम ने लॉकडाउन से अब तक 4.37 लाख टन गेंहू और 5.03 लाख टन चावल मुहैया करवाया है। लॉकडाउन में राहत केंद्र और लंगर चला रहे एनजीओ और स्वयंसेवी संस्थाओं को अब तक 21 रुपए की दर से 161 टन गेंहू व 22 रुपए प्रतिकिलो की दर 2680 टन चावल दिया गया है। पासवान ने कहा कि 28 अप्रैल को एफसीआई ने 57 रेल रैक के जरिए 1.59 लाख मैट्रिक टन खाद्यान्न लोड किया गया है।
लॉकडाउन के दौरान सरकार ने दी राहत
वहीं लॉकडाउन से सबसे ज्यादा प्रभावित गरीब, किसान और मजदूरों को मोदी सरकार ने बड़ी राहत दी है। वित्त मंत्रालय के मुताबिक 2 करोड़ 82 लाख बुजुर्गों, विधवा और दिव्यांगों के खातों में अब तक 1405 करोड़ रुपये डाल चुकी है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के जरिए 31.77 करोड़ लोग लाभान्वित हुए हैं। इसके तहत अब तक 33 करोड़ लोग लाभान्वित हो चुके हैं। वित्त मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि 20.05 करोड़ महिलाओं के जनधन खाते में 10,025 करोड़ रुपए डाले जा चुके हैं।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्य योजना के तहत अप्रैल महीने में निर्धारित 40 लाख टन में से 40.03 लाख टन अनाज का उठाव 36 रज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों ने किया है। इसमें कहा गया है, ”बीस अप्रैल तक 31 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों ने 39.27 करोड़ लाभार्थियों को 19.63 लाख टन अनाज का वितरण किया है। ये लोग 1.19 करोड़ राशन कार्ड के दायरे में आते हैं। इसके अलावा 1,09,227 टन दाल भी विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेश भेजे गये हैं।
उज्जवला योजना के तहत बुक किए गए 3.05 करोड़ रसोई गैस सिलेंडर
इसके अलावा 3.05 करोड़ रसोई गैस सिलेंडर प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत बुक किए गए हैं। कुल 2.66 करोड़ मुफ्त रसोई गैस सिलेंडर का वितरण लाभार्थियों को पहले ही किया जा चुका है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) के तहत श्रमिकों की मजदूरी भी बढ़ायी गई है। इसे एक अप्रैल से अधिसूचित किया गया है। राज्यों को बकाया मजदूरी और सामग्री का पैसा देने के लिए 7,100 करोड़ रुपये जारी किये गये हैं। बयान के मुताबिक निर्माण कार्यों में लगे 2.17 करोड़ कामगारों को ‘बिल्डिंग एवं निर्माण सामग्री कोष के तहत वित्तीय सहायता दी गई है। राज्य सरकार द्वारा प्रबंधित इस कोष के तहत 3,497 करोड़ रुपये लाभार्थियों को दिये गए हैं।