टोक्यो:टोक्यो ओलंपिक के आयोजकों की कड़ी आपत्ति के बाद अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने मंगलवार को अपनी वह विवादास्पद टिप्पणी हटा ली है, जिसमें उसने कहा था कि टोक्यो खेलों को स्थगित करने का अतिरिक्त खर्चा जापान को देना होगा। आईओसी ने अपनी वेबसाइट पर सोमवार को सवाल-जवाब पर एक पोस्ट में कहा था, “जापान के प्रधानमन्त्री शिंजो आबे ने सहमति जताई थी कि जापान उस खर्चे को वहन करना जारी रखेगा जो उसने 2020 के लिए मौजूदा अनुबंध के तहत करना था और आईओसी खर्चे के अपने हिस्से की जिम्मेदारी निभाएगा।”
टोक्यो 2020 के प्रवक्ता मासा तकाया ने ऑनलाइन ब्रीफिंग में संवाददाताओं से कहा, “हमें लगता है कि प्रधानमंत्री का नाम इस तरह लेना सही नहीं है। हमने एक ईमेल आईओसी को भेजकर उनसे आग्रह किया है कि वह अपनी टिप्पणी में से प्रधानमंत्री का नाम हटाए और उनके हवाले से ऐसा कुछ भी न कहा जाए।”
प्रवक्ता ने कहा कि 24 मार्च को प्रधानमंत्री और आईओसी के अध्यक्ष थॉमस बाक के बीच टेलीकॉन्फ्रेंस में यह मुद्दा उठा ही नहीं था कि कौन खर्चे का भुगतान करेगा। टोक्यो 2020 की इस आपत्ति के बाद आईओसी ने अपने बयान में संशोधन किया है और आयोजकों के आग्रह के मद्देनजर जापान के प्रधानमंत्री का नाम हटा दिया है।
ईओसी ने अपनी नई पोस्ट में कहा है, “जापान सरकार ने दोहराया है कि वह खेलों के सफल आयोजन की अपनी जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए तैयार है। साथ ही आईओसी भी टोक्यो 2020 के सफल आयोजन की अपनी प्रतिबद्धता को निभाएगा। आईओसी, टोक्यो 2020और संबंधित संगठन स्थिति का आकलन करना जारी रखेंगे और खेलों को स्थगित करने के प्रभाव का संयुक्त रूप से आकलन करेंगे।”
जापान के मुख्य कैबिनेट सचिव योशिहिदे सुगा ने इससे पहले कहा था कि जापान और आईओसी अतिरिक्त खर्चे पर सहमत नहीं हो पाए हैं। सुगा ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि दोनों पक्ष मिलकर मामले का आकलन करेंगे और चर्चा करेंगे।
इस बीच तकाया ने स्वीकार किया कि टोक्यो 2020 अगले वर्ष खेलों की मेजबानी के लिए तैयार है, लेकिन कोई यह भविष्यवाणी नहीं कर सकता कि कोरोना वायरस का खतरा कब समाप्त होगा।