बर्लिन:वैश्विक महामारी कोरोना के कारण जहां दुनिया भर में फुटबॉल सहित सभी खेल गतिविधियां ठप्प पड़ी हुई हैं, वहीं तुर्कमेनिस्तान में सॉकर लीग फिर से शुरू हो गई है। तुर्कमेनिस्तान की राजधानी अश्गाबात में 20 हजार दर्शकों की क्षमता वाले स्टेडियम में अलटिन असीर और कोपेत्दाग के बीच मैच देखने करीब 400 दर्शक पहुंच गए। इस लीग को 24 मार्च को स्थगित कर दिया गया था।
तुर्कमेनिस्तान ने पिछले सप्ताह आठ टीमों की अपनी नेशनल लीग से निलंबन हटाने का फैसला किया था। मैच रविवार को खेला गया और यह 20 मार्च के बाद से लीग का पहला मैच था। तुर्कमेनिस्तान विश्व के उन चंद देशों में से एक है जहां कोरोना का कोई नया मामला सामने नहीं आया है।
इससे पहले पड़ोसी देश बेलारूस में भी फुटबॉल मैच शुरू हो गए थे। बेलारूस की नेशनल सॉकर लीग को देखने प्रशंसक पहुंच रहे हैं। बेलारूस में कड़े प्रतिबन्ध लागू नहीं किए गए हैं और खुद राष्ट्रपति एलेक्सेंडर लुकाशेंको ने लोगों को सलाह दी है कि कोरोना से लड़ने के लिए वे वोदका पिएं या ट्रैक्टर चलाएं। करीब 1000 प्रशंसक एफसी डायनामो ब्रेस्ट और इसलोच मिंस्क का मैच देखने पहुंचे। इनमें से बहुत कम लोगों ने ही मास्क पहन रखे थे। गत चैंपियन ब्रेस्ट ने यह मैच 3-1 से जीता था।
‘दर्शकों के बिना मैच ही बुंडेस्लिगा की बहाली का एकमात्र विकल्प’
जर्मन फुटबॉल संघ के प्रमुख फ्रिटज केलेर ने कहा है कि बुंडेस्लगा अगले महीने दर्शकों के बिना ही शुरू कराया जा सकता है जबकि इसके प्रशंसकों का कहना है कि कोरोना महामारी के बीच फुटबाल शुरू कराने की जरूरत ही क्या है। जर्मन फुटबॉल लीग को उम्मीद है कि उन्हें एंजेला मर्केल सरकार से अगले महीने नौ या 16 मई से शीर्ष दो स्तर के मैच बहाल करने की अनुमति मिल जायेगी। इस पर फैसला गुरूवार को आ सकता है जब पहले और दूसरे स्तर के 36 क्लब वीडियो कांफ्रेंस के जरिये बात करेंगे।
जर्मनी में कोरोना महामारी के 141672 पुष्ट मामले हैं जबकि 4404 मौतें हो चुकी है। केलेर ने कहा, ”हमें पता है कि दर्शकों के बिना फुटबाल के कोई मायने नहीं। आपसी बातचीत और दर्शकों के संगठनों से फीडबैक लेने के बाद हमें पता चला है कि स्टेडियम में अपने क्लब का समर्थन नहीं कर पाने से वे कितने दुखी होंगे। लेकिन हमारे पास कोई और चारा भी नहीं है।” दुनिया भर के प्रशंसक समूहों ने हालाकि मौजूदा हालात में बुंडेस्लिगा कराए जाने की कड़ी आलोचना की है। एक समूह ने कहा, ”दर्शकों के बिना भी ऐसे समय में फुटबॉल कराना सही नहीं है।”