पेरिस:दुनिया भर में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या शनिवार को 150,000 से अधिक हो गई। आधिकारिक सूत्रों से संकलित आंकड़ों से यह जानकारी मिली। इटली में शनिवार (14 मार्च) को संक्रमण के 3,497 नए मामले दर्ज किए गए, जिससे वैश्विक आंकड़ा 151,797 पहुंच गया। इस संक्रमण से अब तक 137 देशों में 5,764 मौतें हुई हैं। पिछले साल दिसंबर से इटली में अब तक कुल 21,157 मामलों की पुष्टि हुई है और 1,441 मौतें दर्ज की गई हैं। चीन के बाद इटली इस वायरस से सबसे अधिक प्रभावित हुआ है।
चेक गणराज्य में 150 मामले, दुकानें रेस्तरां और पब बंद
यूरोपीय देश चेक गणराज्य ने भी कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए शनिवार (14 मार्च) को अधिकतर दुकानें, रेस्तरां और पब को बंद करने के आदेश दिए। सरकार ने कहा कि यह पाबंदी 24 मार्च तक लागू रहेगी। हालांकि, खाने-पीने का सामान बेचने वाली दुकानें, इलेक्ट्रॉनिक, दवाओं की दुकानें और पेट्रोल पम्प को पाबंदी से छूट दी गई है। चेक गणराज्य के प्रधानमंत्री अंदरेज बाबीस ने लोगों से सहिष्णुता और एकजुटता दिखाने की अपील करते हुए कहा, ”हम चाहते हैं कि लोग बेवजह मॉल नहीं जाएं।” उल्लेखनीय है कि चेक गणराज्य में शनिवार (14 मार्च) तक कोरोना वायरस से संक्रमण के 150 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। हालांकि, देश में किसी की इस वायरस से मौत नहीं हुई है। चेक गणराज्य ने शुक्रवार (13 मार्च) को कहा था कि अब किसी विदेशी को देश में आने की अनुमति नहीं दी जाएगी और सोमवार (16 मार्च) से किसी को देश छोड़ने की भी अनुमति नहीं होगी। सरकार पहले ही देश में स्कूल, सिनेमाघर, संग्रहालय बंद कर चुकी है और 30 से अधिक लोगों के एक साथ जमा होने पर रोक लगा चुकी है।
तुर्की में कोरोना के पांच मामले
कोरोना वायरस के चलते उत्तरी साइप्रस ने एक अप्रैल तक केवल वैध निवासियों और तुर्की साइप्रस निवासियों को ही द्वीप पर आने की अनुमति देने का फैसला किया है। तुर्की साइप्रस के प्रधानमंत्री इरसिन ततार ने इसकी घोषणा शुक्रवार (13 मार्च) को छह घंटे तक चली मंत्रिमंडल की बैठक के बाद की। उल्लेखनीय है कि भूमध्यसागरीय द्वीप साइप्रस दो हिस्सों में बंटा है। एक साइप्रस गणराज्य यूरोपीय संघ का सदस्य है, जबकि दूसरा हिस्सा तुर्की साइप्रस है जिसे केवल अंकारा ने मान्यता दी है। उल्लेखनीय है कि तुर्की साइप्रस के प्रशासन ने मंगलवार (10 मार्च) को कोरोना वायरस से संक्रमण के पहले मामले की पुष्टि की थी। अब तक यहां पांच मामलों की पुष्टि हो चुकी है जिसमें चार जर्मन पर्यटक और एक तुर्की साइप्रस का है जो ब्रिटेन से लौटा था।
विदेश से आने वाले लोगों को 14 दिनों तक अलग रखेगा न्यूजीलैंड
दक्षिणी गोलार्द्ध के देश न्यूजीलैंड ने भी विदेश से आने वाले लोगों को 14 दिनों तक पृथक रखने की घोषणा की है, ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैकिंडा अर्डर्न ने शनिवार को यह घोषणा की। उन्होंने बताया कि नए नियम प्रशांत सागर के द्वीपीय देशों नागरिकों को छोड़कर विदेश से बाहर आने वाले सभी लोगों पर रविवार (14-15 मार्च) आधी रात से लागू होगा। अर्डर्न ने कहा कि न्यूजीलैंड के दूर दराज के इलाके संक्रमण से प्रभावित नहीं हैं और देश में अब तक छह मामलों की पुष्टि हुई है और किसी की मौत नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी के चलते इसके बढ़ने की आशंका है। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्व पृथक आदेश की 16 दिनों बाद समीक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि 30 जून तक न्यूजीलैंड के तट पर क्रूज जहाज के भी लंगर डालने पर रोक रहेगी।
आर्थिक संकट झेल रहा वेनेजुएला भी चपेट में
पहले से आर्थिक और राजनीतिक संकट का सामना कर रहे लातिन अमेरिकी देश वेनेजुएला भी कोरोना वायरस की चपेट में आया गया है। प्रशासन ने शुक्रवार (13 मार्च) को यहां पर कोरोना वायरस से संक्रमण के दो मामलों की पुष्टि की। वेनेजुएला के लिए यह नई चुनौती है क्योंकि यहां के अस्पताल पहले ही पानी और साबुन सहित इलाज में इस्तेमाल होने वाले मूलभूत सामान की कमी का सामना कर रहे हैं। वेनेजुएला में दो संक्रमितों के सामने आने के बाद पड़ोसी कोलंबिया के राष्ट्रपति इवान ड्यूक ने वेनेजुएला से लगती सीमाओं को सील करने का आदेश दिया है। वेनेजुएला के उपराष्ट्रपति डेली रॉड्रिग्ज ने शुक्रवार को बताया कि 52 वर्षीय पुरुष जिसने हाल में स्पेन की यात्रा की थी और 41 वर्षीय महिला जो अमेरिका, इटली और स्पेन की यात्रा की थी, कोरोना वायरस से संक्रमित है। इसके तुरंत बाद प्रशासन ने सभी स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया। राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने यूरोप और कोलंबिया को जोड़ने वाले सभी उड़ानों को स्थगित कर दिया। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि वेनेजुएला की आबादी को इस वायरस से सबसे अधिक खतरा हैं क्योंकि राजनीतिक और आर्थिक संकट से पंगु बन गए देश में वायरस के तेजी से फैलने का खतरा है।
स्विट्जरलैंड में सेना उतारने की तैयारी
स्विट्जरलैंड के सशस्त्र बलों ने शनिवार (14 मार्च) को कहा कि सेना कोरोना वायरस की महामारी से निपटने में मदद करने के लिए जवानों की तैनाती करने को तैयार है। बता दें कि देश में एक हजार से अधिक लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं। सेना प्रमुख थॉमस सुस्सली ने ट्वीट किया, ”सेना सोमवार को अपने चार अस्पताल बटालियन में से एक की तैनाती कोरोना वायरस से निपटने में करेगी। यह बटालियन हमारी सुरक्षा और रक्षा के लिए तैनात होगी। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि बटालियन किस तरह की सेवाएं मुहैया कराएगी। उन्होंने रेखांकित किया कि स्विट्जरलैंड के अस्पताल बटालियन के 90 फीसदी कर्मी अन्य पेशे में संलग्न हैं लेकिन चिकित्सा सेवा के लिए प्रशिक्षित हैं। सेना के प्रवक्ता डेनियल रेइस्ट ने बताया कि बटालियन में 500 से 600 कर्मी होते हैं और जरूरत पड़ने पर देश भर के अस्पतालों में मदद के लिए तैयार हैं।
दक्षिण अफ्रीका ने वुहान से 146 नागरिकों को निकाला
इस बीच, दक्षिण अफ्रीका ने कोरोना वायरस के संक्रमण के केंद्र रहे वुहान से दर्जनों नागरिकों को शनिवार (14 मार्च) को निकाला। किसी उप सहारा देश की ओर से अपने नागरिकों को निकालने का यह पहला मामला है। दक्षिण अफ्रीका के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि उसने अपने 146 नागरिकों को वुहान से निकाला है जहां पर दो महीने से बंदी लागू है। स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता पोपो माजा ने बताया कि वुहान से निकाले गए लोगों को लिमपोपो प्रांत के पोलोकवान अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लाया गया और इन्हें 21 दिनों तक पृथक रखा जाएगा।
यूनान में तीन की मौत
यूनान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि कोरोना वायरस से संक्रमित 67 वर्षीय व्यक्ति की ज़कींथोस द्वीप पर और 90 वर्षीय व्यक्ति की प्टोलेमैडा में मौत हो गई। मंत्रालय के मुताबिक दोनों पहले से ही कई अन्य बीमारियों से जूझ रहे थे। दो मौतों के साथ यूनान में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या तीन हो गई है।
रूस ने सीमा बंद करने का फैसला किया
रूस ने भी विदेशियों के लिए पोलैंड और नार्वे से लगती जमीनी सीमा बंद करने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्तिन ने शनिवार को बताया कि सीमा को बंद करने का फैसला रविवार आधी रात से प्रभावी है और यह पेशेवर, निजी, अध्ययन और पर्यटन सहित सभी उद्देश्यों से आने वाले विदेशियों के लिए लागू होगा। हालांकि, इस प्रतिबंध से बेलारूस, आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों और रूसी नागरिकों को छूट मिलेगी।