राजकुमार गौतम/बस्ती। 23 फरवरी को भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर रावण के आवाहन पर भारत बंद का असर बस्ती में भी देखने को मिला हजारों की तादात में लोगों ने कटेश्वर पार्क परिसर के पास से जुलूस निकालकर सीएए, एनआरसी, एनआरपी व पदोन्नति में आरक्षण समाप्त करने का विरोध किया, शांतिपूर्ण ढंग से विरोध प्रदर्शन करते हुए हजारों लोगों ने गांधीनगर, कंपनी बाग होते हुए शास्त्री चौक पहुंचे। पूरे रास्ते मे केंद्र और प्रदेश सरकार के विरोध में नारेबाजी होती रही, शास्त्री चौक पर पहुंच कर एसडीएम सदर को ज्ञापन सौंपने के साथ जुलूस समाप्त हुआ।
भीम आर्मी के मंडल अध्यक्ष कमलेश सचान ने कहा कि हम लोग संविधान को मानने वाले हैं हमारे लिए संविधान सर्वोच्च है हम कानून के दायरे में रहकर अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, हम लोगों के हितों के लिए एनआरसी सीएए एनपीआर का विरोध तब तक करते रहेंगे जब तक यह काला कानून केंद्र सरकार वापस नहीं ले लेता। इसी क्रम में जिला अध्यक्ष आशीष कुमार ने कहा कि वर्तमान समय दलितों के लिए भयावह स्थिति उत्पन्न कर रही है आए दिन दलितों पर अमानवीय अत्याचार हो रहे हैं चाहे वह राजस्थान नागौर का मामला हो, कानपुर देहात का मामला हो या फिर प्रधानमंत्री के गृह प्रदेश गुजरात का मामला हो हर जगह दलितों को दबाया कुचला जा रहा है।
अपने वक्तव्य में एडवोकेट बुद्धि प्रकाश ने कहा कि प्रकाश ने कहा कि एडवोकेट बुद्धि प्रकाश ने कहा कि प्रकाश ने कहा कि प्रकाश ने कहा कि दलितों के ऊपर अत्याचार के मामले दिन-ब-दिन बढ़ रहे हैं कहीं मूछ रखने की वजह से उन पर अत्याचार किए जा रहे हैं तो कहीं घोड़ी पर बैठने पर उनकी पिटाई की जा रही है यहां तक कि बॉर्डर पर अपनी जान की परवाह किए बिना दिन रात अपने कर्तव्य का निर्वहन करने वाले सिपाही को भी जात पात का सामना करना पड़ रहा है, आखिर दलित अत्याचार के आंकड़ों में ही बढ़ोतरी क्यों हो रही है क्या सरकार सो रही है या फिर दलितों की परवाह इस सरकार को नहीं है?
बस्ती जिले में दिखा भीम आर्मी के भारत बंद का असर
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