मुंबई। स्वामी विवेकानंद ने भारत को नई पहचान दी। इस योद्धा, संन्यासी के सबसे बडे संदेश सेवा को गत 21 वर्षों से यथार्थ में उतारने वाले दिव्य प्रेम सेवा मिशन के कार्यों को मैं नमन करता हूँ। स्वामी जी का संबोधन भारत की वसुधैव कुटुंबकम विचार धारा का संवाहक हैं। यह उद्गार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विलेपार्ले पूर्व स्थित मास्टर दीनानाथ मंगेशकर सभागार में कही।
दिव्य प्रेम सेवा मिशन, हरिद्वार द्वारा विलेपार्ले पूर्व के दीनानाथ मंगेशकर सभागार में स्वामी विवेकानंद के ऐतिहासिक भाषण का वैश्विक प्रभाव पर एक व्याख्यानमाला आयोजित की गई थी। केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री शिवप्रताप शुक्ला ने कहा कि स्वामी जी ने भारतीय संस्कृति के प्रचार का एक नया युग शुरु किया था। झारखंड विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव की राय में यह कार्यक्रम वीर शिवाजी की भूमि पर संकल्प और सेवा का मिलन हैं। उत्तर प्रदेश से विधायक एवं पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया ने कहा कि महर्षी अरविंद और स्वामी विवेकानंद जी की प्रेरणा देश की बदल देने वाली हैं। डॉ आशीष गौतम ने कहा कि मनुष्य की सेवा ही मेरे लिए नारायण सेवा हैं। मॉरीशस से विशेष रुप से उपस्थित आरपीएन सिंह ने कहा कि मिशन के इस कार्यक्रम से मुंबई के युवक सेवा के लिए प्रेरित होंगे। कार्यक्रम के संयोजक एवं विधायक पराग अलवनी ने कहा कि स्वामी जी के विचार ही भारत को शिखर पर ले जा सकते हैं। कार्यक्रम का सफल संचालन मिशन के संरक्षक एवं भाजपा प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने विवेकानंद जी की विचारधारा से ओतप्रोत होकर किया। संयोजक संजय चतुर्वेदी ने आभार माना।
इस मौके पर वीरमाता अनुराधा ताई गोरे, रविंद्र भुसारी, रमेश मेहता, डॉ राजेश सर्वग और नवीन काले का सम्मान दिव्य प्रेम सेवा मिशन पुरस्कार से किया गया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का स्वागत नगरसेविका ज्योति अलवनी ने किया। इस मौके पर फ़िल्म अभिनेता गजेंद्र चौहान, मयंक गांधी, माजी उपमहापौर विनोद घेडिया, अनिल गलगली, अनीस मकवानी, राजेश मेहता, विमल घेडिया, अभिजीत सामंत, सुनीता मेहता, आचार्य पवन त्रिपाठी, नीतेश सिंह, जयप्रकाश जेपी सिंह, बिमल भूता, विनीत गोरे उपस्थित थे।
स्वामी विवेकानंद ने भारत को नई पहचान दीः देवेंद्र फडणवीस
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