ब्रसेल्स:यूरोपीय संघ (ईयू) के शीर्ष राजनयिक ने ईरान के उस हालिया निर्णय पर सोमवार (6 जनवरी) को गहरा खेद जताया जिसमें उसने 2015 के परमाणु समझौते से पीछे हटने की बात कही है। विदेशी मामलों के लिए ईयू के उच्चस्तरीय प्रतिनिधि जोसेप बोरेल ने ट्वीट किया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के परमाणु समझौते से अपने देश को अलग करने के बाद लगभग टूट की कगार पर पहुंच गया यह समझौता वर्तमान में पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।
बोरेल ने कहा कि ईयू किसी भी तरह का कोई निर्णय लेने से पहले पूरे ब्योरे का इंतजार करेगा कि ईरान अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के नियमों का उल्लंघन कर रहा है। उन्होंने ट्वीट किया, ”जेसीपीओए पर ईरान की हालिया घोषणा पर गहरा दुख है। हमेशा की तरह हम आईएईए के सत्यापन पर विश्वास करेंगे।” उन्होंने कहा, ”क्षेत्रीय स्थायित्व और वैश्विक सुरक्षा के लिए सभी को परमाणु समझौते को पूरी तरह से लागू करना अब उतना जरूरी हो गया है जितना पहले कभी नहीं था। मैं सभी भगीदारों के साथ मिल कर काम करना जारी रखूंगा।”
यूरोपीय संघ ने खाड़ी क्षेत्र में तनाव घटाने की अपील करते हुए रविवार (5 जनवरी) को कहा कि ईरान के विदेश मंत्री को ब्रसेल्स आमंत्रित किया गया है। ईरान ने रविवार को कहा था कि वह सेंट्रीफ्यूज की संख्या की सीमा को लंघेगा। बोरेल ने इस सप्ताहांत ईरानी विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जरीफ को ब्रसेल्स आमंत्रित किया था, लेकिन ईरान ने इस पर अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है।
गौरतलब है कि शुक्रवार (3 जनवरी) को बगदाद हवाई अड्डे के पास अमेरिकी ड्रोन हमले में शीर्ष ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी (62) की मौत हो गई थी जिससे इस्लामिक गणराज्य को गहरा झटका लगा है। यह हमला अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निर्देश पर किया गया था, जिनका कहना था कि कुद्स कमांडर अमेरिकी राजनयिकों और इराक में अमेरिकी बलों पर हमले की साजिश रच रहा था। सुलेमानी की मौत से ईरान और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ गया है और पश्चिम एशिया में नये युद्ध की आशंका पैदा हो गई है।