बगदाद:अमेरिका ने पश्चिम एशिया में ईरान के प्रभाव को कम करने के मकसद से जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या की, लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो इस्लामी गणराज्य के सहयोगी इस घटना के बाद से और एकजुट हो गए हैं।
ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कुद्स फोर्स के प्रमुख के तौर पर सुलेमानी, लेबनान और इराक से सीरिया और यमन तक क्षेत्रीय सत्ता संघर्षों में तेहरान के हस्तक्षेप को देखते थे।
अमेरिका को उम्मीद थी कि ड्रोन हमले में सुलेमानी के मारे जाने से ईरान और उसके प्रतिनिधियों के नेटवर्क को झटका लगेगा लेकिन उसकी यह योजना उस पर भारी पड़ती दिख रही है क्योंकि इसने ईरान के समर्थकों को एकजुट कर दिया है।‘
इस्लामी आंदोलनों को समझने वाले लेबनान के विशेषज्ञ कासिम कासिर ने कहा, “हमले ने प्रतिरोधी बलों को एकजुट कर दिया है और अमेरिका से निपटने को प्राथमिकता बना दिया है।”
कासिर ने कहा, “यह हत्याकांड एक रणनीतिक गलती थी, और इस पर प्रतिक्रिया इराक से ही नहीं बल्कि पूरे क्षेत्र से मिलेगी।” इराक में धुर अमेरिका विरोधी सशस्त्र धड़े कताएब हिज्बुल्ला ने कहा कि यह हमला, “क्षेत्र में अमेरिकी मौजूदगी के खत्म होने की शुरुआत है।”