नई दिल्ली:दिल्ली में नागरिकता कानून को लेकर प्रदर्शन तेज है। लालकिला से लेकर दिल्ली के कई इलाकों में प्रदर्शनकारी इस कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शन को देखते हुए करीब 16 मेट्रो स्टेशनों को बंद कर दिया गया है और कुछ इलाकों में एयरटेल और वोडाफोन ने मोबाइल सेवा रोक दी है। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने नरेंद्र मोदी सरकार से नागरिकता कानून वापस लेने और युवाओं को रोजगार देने की मांग की है। बता दें कि उनसे दिल्ली में हो रहे नागरिकता कानून के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों को लेकर सवाल पूछा गया था।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध के बारे में पूछे जाने पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज देश में कानून व्यवस्था बिगड़ रही है। आज सभी नागरिकों में डर है। मैं केंद्र सरकार से अपील करता हूं कि वह इस कानून को लागू न करे और युवाओं को रोज़गार दे।
इससे एक दिन पहले भी बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) से भारतीय नागरिकों के रोजगार और आवास जैसे मौलिक अधिकारों में कटौती होने का दावा करते हुये कहा कि केन्द्र सरकार को अपने नागरिकों के बजाय पाकिस्तान, बंगलादेश और अफगानिस्तान के नागरिकों को रोजगार देने की चिंता है।
केजरीवाल ने एक समाचार चैनल को दिये साक्षात्कार में सीएए पर ‘आप के रुख के बारे में पूछे जाने पर कहा, ”बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान में गैर मुस्लिम आबादी लगभग तीन चार करोड़ है। इनमें से अगर आधे भी हमारे देश में आ गये तो इनको नौकरी कौन देगा, इनको कहाँ बसाओगे, इनको घर कहाँ से दोगे? इनको दिल्ली, मुंबई, गुजरात या कहां बसाओगे?
उन्होंने इस मामले में केन्द्र सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करते हुये कहा, ”देश में हमारे बच्चों को नौकरियां नहीं मिल रही हैं, बेरोज़गारी का माहौल है, बच्चों को नौकरी देना तो हमारी पहली प्राथमिकता होना चाहिए। हम अपने बच्चों को नौकरी देने के बजाय पाकिस्तानियों, बंगलादेशियों और अफगानिस्तानियों को नौकरियाँ देने की चिंता कर रहे हैं।
राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के सवाल पर केजरीवाल ने कहा कि सरकार को पहले यह बताना चाहिये कि एनआरसी में जिन लोगों के पास जरूरी दस्तावेज नहीं होंगे, उनका क्या होगा? क्या वे लोग देश से बाहर किये जायेंगे? उन्होंने कहा कि सरकार को यह भी बताना चाहिये कि सीएए और एनआरसी इसी समय क्यों लागू किया गया?
केजरीवाल ने कहा, ”इसकी ज़रूरत क्या थी, ऐसे वक़्त पर जब कि पूरा देश आर्थिक मंदी के दौर से गुज़र रहा है. जब देश में हाहाकार मचा है, प्याज़ 200 रुपये प्रति किलोग्राम की कीमत पर बिक रही है, महंगाई की वजह से हाल खराब है, कारखाने बंद हो रहे हैं, ऐसे में पूरे देश में आग लगाने की ज़रूरत क्या थी? हमारे बच्चों पर डंडे बरसाए जा रहे हैं, बच्चों के लिये यह पढ़ाई का वक्त है और देश के 33 विश्वविद्यालयों के बच्चे सड़कों पर हैं।