मुंबई:अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के वर्तमान अध्यक्ष शशांक मनोहर अपना कार्यकाल खत्म होने के बाद एकबार फिर इस पद की होड़ में शामिल नहीं होना चाहते। आईसीसी अध्यक्ष के रूप में उनका दूसरा कार्यकाल मई 2020 में खत्म होगा और ज्यादातर निदेशकों की ओर से अपील किए जाने के बाद भी उन्होंने तीसरी बार इस पद की होड़ में शामिल होने से इनकार कर दिया है।
एक प्रमुख अंग्रेजी अखबार से बात करते हुए मनोहर ने कहा, ‘मैं इस पद पर दो साल का एक और कार्यकाल बिताने का इच्छुक नहीं हूं। हालांकि ज्यादातर निदेशक चाहते हैं कि मैं यहां जारी रखूं और उन्होंने मुझसे इसे लेकर अनुरोध भी किया है, लेकिन मैंने उनसे कहा है कि मैं ऐसा नहीं करना चाहता।’ आगे उन्होंने कहा, ‘मैं लगभग पांच सालों से अध्यक्ष पद पर हूं, मैं बहुत स्पष्ट हूं, मैं जून 2020 से इस पद पर जारी नहीं रखना चाहता। मेरे उत्तराधिकारी का पता अगले साल मई में चल जाएगा।’
2016 में पहली बार चुने गए थे
आईसीसी के पहले स्वतंत्र अध्यक्ष के रूप में मनोहर का चयन मई 2016 में हुआ था। इसके बाद मार्च 2017 में उन्होंने निजी कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि पिछले साल उन्हें एकबार फिर दूसरे कार्यकाल के लिए इस संस्था का प्रमुख चुन लिया गया। अब उनका दो वर्षाें का दूसरा कार्यकाल अगले साल मई में समाप्त हो जाएगा।
बीसीसीआई को कर चुके नाराज
आईसीसी में उनके कार्यकाल के दौरान कुछ ऐसे फैसले भी लिए गए, जिनकी वजह से बीसीसीआई नाराज हो गया। आईसीसी बोर्ड की पिछली बैठक में क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के अर्ल एडिंग्स के नेतृत्व में एक कार्यसमिति का गठन किया गया, जिसमें भारत का कोई प्रतिनिधि नहीं था। इस बात ने बीसीसीआई अधिकारियों को हैरान कर दिया था। आईसीसी का प्रस्तावित फ्यूचर टूर प्रोग्राम (एफटीपी) भी भारतीय बोर्ड के लिए चिंता का एक विषय है, क्योंकि इसमें हर साल एक वर्ल्ड टी20 और हर तीन साल में 50 ओवरों का विश्व कप कराने की बात कही गई है। बीसीसीआई ने इस एफटीपी से सहमत होने से इनकार कर दिया और इस मामले में उसे ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट बोर्ड व इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड का समर्थन भी मिला। हालांकि अब बीसीसीआई अधिकारियों की नई टीम आईसीसी के फैसलों को लेकर क्या रुख अपनाएगी, ये बाद में साफ होगा।