नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि सामुदायिक एकता और सहिष्णुता भारत के बहुसंख्यक समुदाय के डीएनए में है। साथ ही अल्पसंख्यकों के सामाजिक, धार्मिक और संवैधानिक अधिकार पूरी तरह सुरक्षित हैं। बुधवार को अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता मामलों के राजदूत सैमुअल ब्राउनबैक के नेतृत्व में आए डेलिगेशन के स्वागत के दौरान नकवी ने यह बातें कहीं। डेलिगेशन ने नकवी के साथ दिल्ली में करीब एक घंटे तक बैठक की। इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने उन्हें भारतीय सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों के लिए चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी।
‘भारत पूरी दुनिया के लिए अखंडता में एकता का उदाहरण’
न्यूज एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक, नकवी ने कहा कि भारत अल्पसंख्यकों के लिए जन्नत है, जबकि पाकिस्तान उनके लिए नर्क जैसा है। अलग-अलग धर्म, संस्कृतियों और भाषाओं के साथ भारत पूरी दुनिया के लिए अखंडता में एकता का उदाहरण है। शिक्षा और सामाजिक क्षेत्र में अल्पसंख्यकों के सशक्तीकरण के लिए चलाई जा रही योजनाओं पर डेलिगेशन ने सरकार की तारीफ की।
नकवी ने बताया कि 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से भारत में कोई बड़ा दंगा नहीं हुआ। अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की रिपोर्ट्स पर नकवी ने कहा कि आपराधिक मामलों को जानबूझकर सामुदायिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए। किसी भी तरह की आपराधिक घटनाओं पर सरकारी एजेंसियां सख्त कार्रवाई कर रही हैं।
पढ़ाई के बीच में स्कूल छोड़ने वाले अल्पसंख्यकों का आंकड़ा गिरा
बैठक के दौरान नकवी ने डेलिगेशन को अल्पसंख्यक लड़कियों के लिए चलाई जा रही स्कॉलरशिप योजनाओं के बारे में भी बताया। नकवी ने कहा कि मोदी सरकार की कोशिशों की वजह से अल्पसंख्यकों के बीच पढ़ाई में स्कूल छोड़ने का आंकड़ा 2014 के 70% से गिरकर 35% पर आ गया है। सरकार आगे इसे पूरी तरह खत्म करना चाहती है।