नई दिल्ली:एक प्राधिकरण ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा कुर्क की गईं मेहुल चौकसी की संपत्तियां मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ी हैं। मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक कानून (पीएमएलए) के तहत अधिकृत प्राधिकरण ने कहा कि इन संपत्तियों की कुर्की जारी रहनी चाहिए। ईडी ने मेहुल और उससे जुड़ी कंपनियों की 1210 करोड़ रुपए की 41 संपत्तियां कुर्क की थीं। यह प्राधिकरण ईडी द्वारा कुर्की की गई कार्रवाई में अर्ध न्यायिक निर्णायक समिति है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, ईडी अब इन संपत्तियों की कुर्की की प्रक्रिया शुरू करेगी और यहां पर अपने कब्जे के नोटिस बोर्ड लगाएगा।
प्राधिकरण के सदस्य तुषार वी शाह ने कहा, “मूल शिकायत में दिए गए दस्तावेजों पर विचार करने के बाद मैंने पाया कि अस्थायी रूप से कुर्क की गई अचल संपत्तियां मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ी हैं। ऐसे में 90 दिनों की जांच अवधि या फिर पीएमएलए के तहत अदालत में प्रक्रिया लंबित रहने तक ये कुर्की जारी रहेगी। इसके बाद विशेष अदालत में कुर्की के आदेश जारी होने के बाद यह कुर्की स्थायी हो जाएगी।”
500 करोड़ का पार्क भी अटैच : ईडी ने चौकसी के मुंबई स्थित 15 फ्लैट और 17 ऑफिस, कोलकाता स्थित एक मॉल, अलीबाग स्थित चार एकड़ का फार्महाउस, नासिक, नागपुर, पनवेल, तमिलनाडु में 231 एकड़ जमीन पीएमएलए के तहत कुर्क की है। इनके अलावा आंध्र के रंगा रेड्डी जिले में 170 एकड़ का पार्क भी अटैच किया गया, जिसकी कीमत करीब 500 करोड़ रुपए है।
पीएनबी की शिकायत पर खुला था मामला: मेहुल चौकसी और हीरा कारोबारी नीरव मोदी का नाम 2018 की शुरुआत में बैंक फ्रॉड में सामने आया था। पंजाब नेशनल बैंक की शिकायत के बाद ईडी इस मामले की जांच कर रहा था। मेहुल और मोदी पर बैंक कर्मचारियों की मदद से 12 हजार करोड़ की धोखाधड़ी करने का आरोप है। इसके बाद सीबीआई और ईडी ने दोनों के खिलाफ केस दर्ज किए, लेकिन उससे पहले ही दोनों देश छोड़कर भाग गए। उन्होंने कुछ भी गलत करने से साफ इनकार किया था। फिलहाल चौकसी एंटीगुआ में है और भारत सरकार उसके प्रत्यर्पण की कोशिश में है।
मेहुल चौकसी की 1210 करोड़ की संपत्तियां मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ी
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