डोंबिवली। समता सुमेरू आचार्य श्री महाश्रमण जी की विदुषी शिष्या शासनश्री साध्वी श्री सोमलता जी के सान्निध्य में अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के निर्देशन में डोंबिवली तेरापंथ युवक परिषद के तत्वावधान में वृहद सामायिक कार्यशाला का कार्यक्रम आयोजित हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ युवक परिषद के द्वारा हुआ। ‘लक्ष्य है ऊंचा हमारा’ इस गीत का संगान किया। अभिनव सामायिक के क्रम के अनुसार सामायिक की आराधना की गई।
इस मौके पर शासनश्री साध्वी श्री सोमलता जी ने ओजस्वी वाणी में सामायिक की महत्ता बताते हुए कहा – सामायिक समता की सरिता है, शिवपथ की सरणी है। उपशम भाव में रमण के लिए सरोवर के समान है। अपने घर में यानि आत्म सदन में शांति से बैठने का अनुपम स्थान है। आश्रव के दरवाजे को बंद करने के लिए सामायिक ताला है। क्योंकि सामायिक करने से सावध प्रवृत्ति नहीं होती है। आपने आगे कहा कि शुद्ध भावों से सामायिक करने पर 92 करोड़ 59 लाख, 25 हजार 925 पल्योपम जितना देव आयुष्य का बंधन होता है। नरक के दरवाजे पर नहीं जाना पड़ता है। ऐसा धर्म संग्रह आदि ग्रंथों में उल्लेख मिलता है। एक सामायिक करते समय शीलव्रत का पालन व तप की आराधना करते समय शीलव्रत का पालन व तप की आराधना हो जाती है। अठारह पापों का प्रत्याख्यान करने से छह काय के जीवों को अभयदान मिल जाता है। इसलिए प्रत्येक भाई बहिन को दो घड़ी आत्म भुवन में रमण करने के लिए सामायिक की साधना कर अपने जीवन को पवित्र व निर्मल बनाना चाहे। सामायिक की प्रेरणा से अनेक भाई-बहनों ने सामायिक करने का संकल्प किया।
साध्वी श्री शकुंतला कुमारी जी ने अनुप्रेक्षा दागृतप्रभा जी ने जप का प्रयोग करवाया। साध्वी रक्षितयशा जी ने सामायिक गीत का संगान करते हुए समता को सर्वोत्कृष्ट बताया।
अभातेयुप के इस प्रकल्प को साकार करने में तेयुप डोंबिवली के कार्यकर्ताओं ने बढ़-चढ़कर भाग सिया। तेयुप के ललित मेहता, राकेश परमार, संदीप सिंघवी, सुनील कोठारी, हितेश बडाला, प्रमोद इंटोदिया, दिनेश श्रीश्रीमाल, विकास मेहता, भरत सिंघवी, चिराग बडाला, राहुल कोठारी, चयन सिंयाल ने अपनी सहभागिता दी। साथ ही तेरापंथी सभा, महिला मंडल का पूर्ण रूप से साथ मिला।
समता की सरिता सामायिकः शासनश्री साध्वी श्री सोमलता जी
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