ठाणे। साध्वी श्री अणिमा श्री जी,साध्वी श्री मंगलप्रज्ञा जी के सानिध्य में अभातेयुप के तत्वावधान में समस्त तेयुप ठाणे द्वारा व्रहध सामयिक कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें सैंकड़ो भाई बहिनों ने सामयिक का अनुष्ठान कर समता की आराधना की।
साध्वी श्री अणिमा श्री जी ने अपने प्रेरणादायी उध्बोधन में कहा भगवान महावीर की साधना का प्रथम सोपान है सामयिक। यही वह धरातल है जिसकी नींव पर भगवान महावीर का भव्य महल टिका हुआ है।चिन्तनभूमि में समता के अवतरण की पृष्ठभूमि है सामायिक। तन मन और वचन को सयंत्रित करने की प्रयोगशाला है सामायिक। सामयिक श्रावक जीवन के लिए साधु जीवन के रसास्वादन का सारभूत विधान है। अपेक्षा यह है कि प्रत्येक श्रावक अपनी जीवनचर्या को प्रेसस्थ पथ देता हुआ सामायिक को दिनचर्या का अभिन्न अंग बनाकर जीवन को सार्थक पहचान दे।
साध्वी श्री मंगलप्रज्ञा जी ने विशिष्ठ शैली में अभिनव सामायिक का अनुष्ठान करवाया। जपयोग की साधना जब चल रही थी तब लग रहा था पूरा स्थान प्राण ऊर्जा से भर गया है। ध्यान योग की तलीनता को देखकर ऐसा लग रहा था मानो अंतर्यात्रा के द्वार उधगतिथ हो रहे है। स्वाध्याय योग में साध्वी श्री ने कहा अभिवन सामायिक का उपक्रम संयम की साधना का बीजारोपण है। सामायिक की साधना कण कण में शक्ति का संचार करने वाली है।
साध्वी सुधाप्रभा जी ने मंच संचालन करते हुए कहा मनुष्य जन्म की सार्थकता इसी में है कि हमारे भीतर अहिंसा, प्रेम करुणा, मैत्री तथा समता का अवतरण करवाया। तेयुप कोपरी अध्यक्ष नरेश बाफना,तेयुप ठाणे सिटी अध्यक्ष कमलेश दुग्गड ने विचार रखे। डॉ सुंदर लाल इंटोदिया ने श्रावक निष्ठा पत्र का वाचन किया।आभार ज्ञापन ठाणे सेंट्रेल अध्यक्ष निर्मल ओस्तवाल ने किया।
मंगल संगान विमल गादिया, विकास आच्छा, कमलेश दुग्गड, नरेश बाफना,निर्मल ओस्तवाल,सुनील कांठेड़,अमृत श्रीश्रीमाल, बिनोद कोठारी,चिराग इंटोदिया,गिरीश सिसोदिया,हितेश मेहता,देवेंद्र पुनमिया,मनसुख हिरण,विकास डूंगरवाल ने किया। समस्त तेयुप ठाणे के सक्रिय कार्यकर्ताओ ने कार्यक्रम को सफल बनाने में उत्साह के साथ काम किया।
ठाणे में वृहद सामयिक कार्यशाला का आयोजन, आद्यात्मिक उत्थान के अनुपम अनुष्ठान है सामयिक
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