नई दिल्ली: राहुल गांधी के इस्तीफे के ढाई महीने बाद नया गैर-गांधी अध्यक्ष चुनने के लिए शनिवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक तो हुई, लेकिन यह बेनतीजा रही। सीडब्ल्यूसी ने 12 घंटे इस मुद्दे पर चर्चा की। पांच अलग-अलग समितियां भी बनाईं, जिसे कुछ ही घंटे में नाम सुझाने को कहा गया, लेकिन किसी भी गैर-गांधी के नाम पर सहमति नहीं बन सकी। नेताओं ने राहुल गांधी को ही अध्यक्ष बने रहने को कहा। जब वे नहीं माने तो आखिरकार रात 11 बजे पार्टी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और बताया कि 72 वर्षीय सोनिया गांधी अंतरिम अध्यक्ष होंगी।
कांग्रेस नेताओं की रायशुमारी से जुड़ी समितियों की रिपोर्ट पर सोनिया-प्रियंका और मननोहन सिंह समेत वरिष्ठ नेताओं के बीच विचार-विमर्श हुआ। इस बीच राहुल गांधी भी थोड़ी देर के लिए दफ्तर पहुंचे। बैठक से बाहर आकर उन्होंने कहा- ”नए कांग्रेस अध्यक्ष पर चर्चा के बीच कश्मीर में हिंसा की खबरें आईं। वहां हालात बहुत खराब हैं। इसलिए अध्यक्ष पद पर चर्चा रोककर मीटिंग के बीच में कश्मीर के हालात पर प्रजेंटेशन देना पड़ा। कश्मीर के मुद्दे पर चर्चा के लिए मुझे विशेष तौर पर बुलाया गया था। प्रधानमंत्री मोदी को कश्मीर को लेकर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। जम्मू-कश्मीर को लेकर आईं रिपोर्ट्स पर हम चिंतित हैं।”
अधिवेशन में कांग्रेस को पूर्णकालिक अध्यक्ष मिलेगा
सुरजेवाल ने बताया कि अगले पूर्णकालिक अध्यक्ष पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अधिवेशन में फैसला होगा। अधिवेशन कब बुलाया जाएगा, यह अभी तय नहीं है। आज कांग्रेस कार्यसमिति की दूसरी बैठक में नए अध्यक्ष के लिए व्यापक चर्चा हुई। इसमें तीन प्रस्ताव पेश किए थे। पहले प्रस्ताव में राहुल गांधी के कार्यकाल की तारीफ करते हुए उन्हें धन्यवाद दिया। दूसरा प्रस्ताव था कि राहुल ही कांग्रेस के अध्यक्ष बने रहें। पार्टी के ज्यादातर नेताओं की यही राय थी। उनसे इस्तीफा वापस लेने का अनुरोध किया, लेकिन उन्होंने इसे अस्वीकार कर दिया। तीसरे प्रस्ताव था कि नया अध्यक्ष चुने जाने तक सोनिया गांधी पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष बनें। सोनिया गांधी ने इससे स्वीकार कर लिया।”
दूसरा मौका जब सोनिया मुश्किल हालात से गुजर रही कांग्रेस की कमान संभालेंगी
सोनिया गांधी के पास 20 महीने बाद दोबारा पार्टी की कमान आ गई है। जब 1998 में कांग्रेस मुश्किल हालात में थी, तब भी सीताराम केसरी के बाद सोनिया ने अध्यक्ष पद संभाला था। वे रिकॉर्ड 19 साल इस पद पर रहीं। इस बार लगातार दूसरे लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद भी जब राहुल ने अध्यक्ष पद छोड़ दिया तो पार्टी नेताओं ने उनसे दोबारा कमान संभालने का अनुरोध किया। राहुल दिसंबर 2017 से मई 2019 तक अध्यक्ष रहे।
सोनिया दूसरी बार पार्टी की कमान संभालने वाली नेहरू-गांधी परिवार की चौथी सदस्य
सोनिया मोतीलाल नेहरू, जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के बाद नेहरू-गांधी परिवार की ऐसी चौथी सदस्य हैं, जिन्हें एक कार्यकाल पूरा करने के बाद दूसरी बार पार्टी की बागडोर सौंपी गई है। मोतीलाल नेहरू 1919 के बाद 1928 में कांग्रेस अध्यक्ष बने थे। जवाहरलाल नेहरू 1929-30 के बाद 1951 से 1954 तक पार्टी अध्यक्ष रहे। इंदिरा गांधी ने एक बार 1969 में पार्टी की कमान संभाली। इसके बाद 1978 से 1984 तक वे दोबारा कांग्रेस अध्यक्ष रहीं।
कांग्रेस ने 5 समितियां बनाई थीं
शनिवार को अध्यक्ष का चुनाव करने के लिए कांग्रेस ने 5 समितियां बनाकर रायशुमारी करने का फैसला लिया था। सोनिया-राहुल इन समितियों का हिस्सा नहीं थे। सिर्फ प्रियंका गांधी एक समूह में शामिल थी। इन समितियों की राय पर शनिवार रात करीब 3 घंटे तक चर्चा हुई। सोनिया दोबारा इस बैठक में शामिल हुईं, लेकिन राहुल बाद में आए और थोड़ी देर बाद रवाना हो गए।