मुंबई:भारतीय क्रिकेट टीम के बल्लेबाजी कोच संजय बांगड़ ने खुलासा किया कि वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ महेंद्र सिंह धोनी को नंबर 7 पर भेजने का फैसला अकेले उनका ही नहीं था। 9 जुलाई को खेले गए इस मैच में भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा था। धोनी ने 7वें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 50 रन बनाए थे। बांगड़ ने कहा, ‘मैं हैरान हूं कि लोग इस मामले में मेरी तरफ देख रहे हैं। यह अकेले मेरा फैसला नहीं था। हमने सारी स्थितियों का जायजा लिया, उसके बाद ही यह फैसला लिया गया था।’ ऐसी खबरें आ रही थीं कि धोनी को 7वें नंबर पर संजय बांगड़ के कहने पर ही भेजा गया था।
मैनचेस्टर में खेला गया यह सेमीफाइनल बारिश के कारण दो दिन में खत्म हुआ था। न्यूजीलैंड ने 50 ओवर में 8 विकेट पर 239 रन बनाए थे। लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम 24 रन तक 4 विकेट गंवा चुकी थी। इसके बाद धोनी को नहीं भेजा गया। उनसे पहले दिनेश कार्तिक को 5वें और हार्दिक पंड्या छठे नंबर पर भेजा गया था। धोनी और रविंद्र जडेजा ने 116 रन की साझेदारी की। जडेजा 77 रन बनाकर आउट हुए थे।
बांगड़ ने कहा- सभी बल्लेबाजों को अलग-अलग जिम्मेदारियां दी गई थीं
एक वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में बांगड़ ने कहा, ‘वर्ल्ड कप शुरू होने से पहले सभी बल्लेबाजों को अलग-अलग जिम्मेदारियां दी गई थीं। हमने यह भी निर्णय किया था 5वें, छठे और सातवें नंबर बल्लेबाजी क्रम को लचीला रखा जाए। सभी खिलाड़ी निजी रूप से इससे अवगत थे। कोहली ने भी सेमीफाइनल के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि अफगानिस्तान के साथ मैच के बाद यह तय किया गया था कि धोनी निचले क्रम में खेल सकते हैं ताकि वह 35 ओवरों के बाद मैच को संभाल सकें।’
‘हमारा मकसद था कि 30 से 40 ओवर के बीच अधिक से अधिक रन बटोरें जाएं’
बल्लेबाजी कोच ने कहा, ‘टीम की सहमति के बाद ही धोनी को सातवें नंबर पर भेजा गया था। दिनेश कार्तिक को उनसे ऊपर पांचवें नंबर पर भेजा गया, लेकिन लगातार विकेट गिरने से धोनी पर फिनिशर की जिम्मेदारी आ गई। कोच रवि शास्त्री ने भी यह कहा कि धोनी को नीचे भेजने का निर्णय टीम का था। इसलिए उन्हें सातवें नंबर पर भेजा गया। हमारा मकसद था कि 30 से 40 ओवर के बीच अधिक से अधिक रन बटोरें जाएं।’
गांगुली ने इसे ‘टेक्टिकल ब्लंडर’ बताया था
इससे पहले शास्त्री ने कहा था कि यह पूरी टीम का फैसला था। शास्त्री ने कहा, ‘‘पहली बात तो यह है कि उन्हें 7 नंबर पर भेजने का फैसला साधारण था। दूसरी बात यह कि क्या आप चाहते थे कि धोनी जल्दी जाएं और आउट होकर वापस चले जाएं। इससे लक्ष्य तक पहुंचने की उम्मीद खत्म हो जाती।’’ सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली जैसे कप्तानों ने इस फैसले की आलोचना की थी। गांगुली ने इसे ‘टेक्टिकल ब्लंडर’ बताया था।