– बच्चों के जीवन में संस्कारों के सुमन
– खिलानेवालाउपक्रम का नाम है ज्ञानशाला
ठाणे। साध्वी श्री आणिमाश्रीजी व साध्वी मंगलप्रज्ञाजी के सानिध्य में ठाणे तेरापंथ सभा के सुरम्य प्रांगण में ठाणा तेरापंथी सभा के तत्वधान में मुंबई स्तरीय ज्ञानशाला प्रशिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें अच्छी संख्या में प्रशिक्षक बहनों की उपस्थिति रही। इस कार्यक्रम में मुंबई सभाध्यक्ष नरेंद्र तातेड़, वरिष्ठ उपाध्यक्ष नवरत्न गन्ना, विनोद जी वोहरा, विजय पटवारी, निर्मल श्रीश्रीमाल, मुंबई महिला मंडल की नवमनोनीत अध्यक्षा भाग्यश्री कच्छारा, मंत्री स्वीटी लोढ़ा, मुंबई ज्ञानशाला विभाग की आंचलिक संयोजिका सुमन चपलोत, सहसंयोजिक अनिता परमार, राजश्री कच्छारा की गरिमामय उपस्थिति रही। ज्ञानशाला प्रायोजक ताराचंद बाढ़ियां भी उपस्थित रहे।
साध्वी श्री आणिमाश्रीजी ने अपने प्रेरणादायी उद्बोधन में कहा कि बच्चों के जीवन बगीचा के संस्कारों के सुमन खिलानेवाले महत्त्वपूर्ण उपक्रम का नाम है ज्ञानशाला। भावी पीढ़ी के भविष्य के उपक्रम का नाम है ज्ञानशाला। भावी पीढ़ी के भविष्य को समुज्ज्वल बनाने का सक्षम साधन है ज्ञानशाला। अध्यात्म के रंगों से जीवन को इंद्रधनुषी रंग देने का नाम है ज्ञानशाला। मुंबई महानगर की ये युवा प्रशिक्षक बहने ‘नवकृति’ यानी बालकों के जीवन के संस्कारो के आलोक से आलोकित करने के लिए अपने समय, श्रम व शक्ति का सार्थक नियोजन कर रही है। बच्चों की जीवन रूपी पोधी पर स्वर्णिम आलेख लिखकर उनके बचपन सहित सम्पूर्ण जीवन को शानदार बनाने के लिए कटिबद्ध है। प्रशिक्षिका बहनों एवं ज्ञानशाला संचालकों को साधुवाद। सुमन चपलोत के प्रभावी निर्देशन में एवं सभा के मार्गदर्शन से मुंबई ज्ञानशाला में और अधिक निखार आये। मंगलकामना। साध्वीश्री मंगलप्रज्ञाजी ने प्रेरणा-पाथेय प्रदान करते हुए कहा – कीर्तिपुरुष आचार्य तुलसी का अमर अवदान है ज्ञानशाला। वह घर, वह परिवार, वह समाज सदैव विकास के शिखर पर पहुचा है, जिसने अपनी बलपीढ़ी को सचेष्ट बनकर संभाला है। हमारे धर्मसंघ में ज्ञानशाला के माध्यम से बच्चो के स्वर्णिम भविष्य का निर्माण हो रहा है। आप सब बहनों को ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों के संस्कारी बनाने का स्वर्णिम अवसर मिला है। ज्ञानशाला के कारण आपको प्रशिक्षिकाओ का सम्मान मिला है। इस गौरव को हमेशा अक्षुण रखे एवं अपने कर्तुत्व से मुंबई ज्ञानशाला को गौरान्वित करें। आंचलिक संयोजिका सुमन चपलोत की पूरी टीम इस दिशा में जागरूक एवं सक्रिय है। आंचलिक संयोजिका सुमन चपलोत ने अपने भावों की सुंदर प्रस्तुति दी एवं ज्ञानशाला खेल-खेल में किट के बारे में परिषद को जानकारी दी।
इस अवसर पर सभाध्यक्ष नरेंद्र तातेड़, निर्मल श्रीश्रीमाल मुंबई महिला मंडल के अध्यक्षता भाग्यश्री कच्छारा, राजश्री कच्छारा, अनिता धारिवाला ने अपने विचारों की प्रस्तुति दी। जीतमल जॉन की प्रशिक्षिकाओ ने नाटिका प्रस्तुत की। ठाणा ज्ञानशाला की प्रिशिक्षिकाओ ने मंगलगान किया। कार्यक्रम का संचालन निशा भटेवरा ने किया। मुंबई महिला मंडल की नवमनोनीत अध्यक्षा भाग्यश्री कच्छारा व मंत्री स्वीटी लोढ़ा का ज्ञानशाला परिवार की ओर से सम्मान किया गया। इस अवसर पर सभाध्यक्ष नरेंद्र तातेड़ के एक सौ एगारह एकासन की परिसम्पन्नता पर ज्ञानशाला परिवार की तरफ से बधाई प्रेषित की। इस कार्यक्रम की सफलता में सुमन चपलोत व उनकी टीम तथा ठाणा ज्ञानशाला परिवार का श्रम मुखर रहा। ठाणा सभा, सभी तेयुप ठाणा तथा महिला मंडल का समीचीन सहकार प्राप्त हुआ। इसके साथ भिक्षु महाप्रज्ञ ट्रस्ट के सहयोग भी प्राप्त हुआ।