घाटकोपर। 16 जुलाई को तेरापंथ स्थापना दिवस के रूप में घाटकोपर में श्री शासन साध्वी श्री चंदनबाला जी के सानिध्य में मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ नमस्कार मंत्र से ओर मंगलाचरण तेयुप घाटकोपर द्वारा किया गया। आज मातृ ह्रदय साध्वी श्री कनक प्रभाजी और श्री प्रणव यशा जी का दीक्षा दिवस भी था।
साध्वी जी ने फरमाया कि किस प्रकार भिक्षु स्वामी ने तेरापंथ की स्थापना के लिए लिए संघर्ष किया। 29 जून 1760 को तेरापंथ संघ की स्थापना हुई इसका इतिहास 260 वर्ष पूर्व पुराना है तेरापंथ जैन धर्म का अत्यंत तेजस्वी और सक्षम समुदाय है। साध्वी श्री वर्धमान श्री जी द्वारा मंत्राचारण , साध्वी श्री राज श्री जी ने राजनगर के श्रावक के जागरूकता के वजह से ही यह तेरापंथ का उदय हुवा। साध्वी श्री सम्यक प्रभा जी ने मनमोहक गीतिका का संगान किया। मंच का कुशल संचालन साध्वी श्री प्रणव यशा जी ने किया। मनोहर गोखरू ने अपने भावों रखे। महाश्रमण चतुर्माश व्यवस्था समिति मुम्बई अध्यक्ष मदन तातेड़, मुम्बई सभा अध्यक्ष नरेंद्र तातेड़, लोकेश डांगी,महेंद्र तातेड़, तेयुप मंत्री श्रवण चोरड़िया, जितेश धाकड़ मुकेश धाकड़ , सुनील बडोला, भव्य कावड़िया , धनराज डांगी, विकास सुराणा, हस्तीमल डाँगी, सुरेश राठौड़, अशोक राका, संजय सोनी,राजेश धाकड़, राजेश कुमुठ , महिला मंडल अद्यक्षा भावना चपलोत,सह- सयोजिका रंजना बाफना, रेखा मेहता आदी कि उपस्थिति रही।
घाटकोपर में हुआ तेरापंथ स्थापना दिवस का आयोजन
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