नई दिल्ली:दिल्ली कांग्रेस में संगठन को फिर से पुनर्गठित करने के मुद्दे पर घमासान मच गया है। कांग्रेस नेताओं के एक धड़े ने इस मुद्दे पर सीधे राहुल गांधी और अन्य केंद्रीय नेताओं को पत्र लिखा है। जबकि, दिल्ली कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्षों ने शीला दीक्षित को पत्र लिखकर निर्णयों में शामिल नहीं करने की शिकायत की है।
लोकसभा चुनावों में हार के बाद ही दिल्ली कांग्रेस में पार्टी संगठन में वर्चस्व को लेकर छिड़ी अंदरूनी लड़ाई लगातार सतह पर आती है। नए घटनाक्रम में दिल्ली कांग्रेस की ओर से 280 ब्लॉक अध्यक्षों के चुनाव की प्रक्रिया शुरू की गई है। कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने इस पर आपत्ति जताते हुए राहुल गांधी को पत्र लिखा है।
पूर्व विधायक हरिशंकर गुप्ता, नसीब सिंह, आसिफ मो. खान और एआईसीसी सदस्य ब्रह्म यादव ने राहुल गांधी, पार्टी महासचिव केसी वेणु गोपाल व पीसी चाको को लिखे पत्र में पार्टी में चल रही प्रक्रियाओं पर आपत्ति जाहिर की है। इन नेताओं ने कहा कि दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित अस्वस्थ हैं जबकि कुछ अन्य लोग उनकी ओर से निर्णय ले रहे हैं। 280 ब्लॉक कमेटियों को भंग करने से पहले भी वरिष्ठ नेताओं को भरोसे में नहीं रखा गया यहां तक कि कार्यकारी अध्यक्षों से सलाह भी नहीं की गई।
कार्यकारी अध्यक्षों ने भी शीला दीक्षित को लिखे पत्र में बिना उनसे सलाह किए निर्णय लिए जाने की शिकायत की है। यूं तो इस पत्र पर तीनों कार्यकारी अध्यक्षों के हस्ताक्षर मौजूद हैं। लेकिन, दिन में प्रदेश कार्यालय में हुई बैठक में राजेश लिलोठिया की मौजूदगी के अलग अर्थ निकाले जा रहे हैं।
पार्टी पुनर्गठन
कांग्रेस नेताओं के एक धड़े ने राहुल गांधी को पत्र लिखा।
कार्यकारी अध्यक्षों ने शीला को पत्र लिख शिकायत की।