मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट 5 जुलाई को पेश होगा। इसे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी। इससे पहले मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में पांच बार अरुण जेटली ने बजट पेश किया था। इस साल फरवरी में अंतरिम बजट अरुण जेटली के स्वास्थ्य कारणों से पीयूष गोयल ने पेश किया था। अब सबकी निगाहें 5 जुलाई को पेश होने वाले बजट पर है कि सरकार इस बार क्या राहत देगी। आइए जानते हैं इससे पिछले पांच बजट में मोदी सरकार ने क्या खास घोषणाएं की थी।
अरुण जेटली के पांचवें बजट 2018-19 की 13 अहम बातें..
1 साल 2017-2018 में सरकार का घाटा 5.95 लाख करोड़ रुपए रहा।
2 डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में 12.6% का इजाफा हुआ। साल 2017 में इनकम टैक्स कलेक्शन 90 हजार करोड़ रुपए बढ़ा।
3 सीनियर सिटीजन के लिए सरकार ने डिपॉजिट पर छूट 10 हजार से बढ़ाकर 50,000 रुपए कर दी।
4 साल 2018-2019 के लिए सरकार ने इनकम टैक्स की दरों में कोई बदलाव नहीं किया।
5 250 करोड़ टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए 25 प्रतिशत कॉरपोरेट टैक्स कर दिया।
6 मोबाइल फोन पर सीमा शुल्क 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत किया गया।
7 सरकार ने शिक्षा और हेल्थ सेक्टर पर सेस को तीन की जगह बढ़ाकर 4 प्रतिशत कर दिया।
8 राष्ट्रपति और राज्यपाल का वेतन बढ़ाया गया। राष्ट्रपति को पांच लाख रुपए और उप-राष्ट्रपति को चार लाख रुपए देने का ऐलान किया। साथ ही राज्यपालों को 3.5 लाख रुपए वेतन देने की घोषणा की।
9 मुंबई लोकल ट्रेनों के लिए 90 किलोमीटर तक की पटरी का विस्तार करने की घोषणा की। इसके अलावा 12,000 वैगनों, 5160 कोच और 700 इंजनों को खरीदने का ऐलान किया।
10 वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट में रेलवे पर एक लाख 48 हजार करोड़ रुपए खर्च करने की घोषणा की। देश के 600 रेलवे स्टेशनों को मॉर्डन बनाने का ऐलान किया।
11 स्मार्ट सिटी के लिए सरकार ने 99 शहर चुने हैं।
12 टीबी के मरीजों के लिए 600 करोड़ रुपये और देश में 24 मेडिकल कॉलेज खोलने का ऐलान किया। हेल्थ वेलनेस केंद्र के लिए 1200 करोड़ का आवंटन किया।
13 वित्त मंत्री ने देश में हेल्थ वेलनेस सेंटर के लिए 1200 करोड़ रुपए का फंड देने का ऐलान किया। नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम के तहत 10 करोड़ गरीब परिवारों को जोड़ने की बात कही गई।
2016-17 के बजट की अहम बातें..
1 3.58 फीसदी राजकोषीय घाटा रहा जो पिछले वित्तीय वर्ष में रोडमैप तैयार कर बनाए गए लक्ष्य के अनुरूप रहा। लेकिन, फिस्कल रिस्पेन्सेबिलीटी एंड बजट मैनेजमेंट एक्ट की समीक्षा के लिए एक समिति की घोषणा की गई।
2 ग्रामीण समस्याओं और कृषि को बढ़ावा देने के लिए कुछ उपायों की घोषणा की गई।
3 कॉर्पोरेट टैक्स से छूट के लिए रोडमैप की घोषणा की गई।
4 बेनामी संपत्ति की घोषणा का प्रस्ताव लाया गया। इसके मुताबिक, जिसने पीछ अपनी आय नहीं बताया था वह उस संपत्ति पर 45 फीसद टैक्स और पेनाल्टी दें और सज़ा से बचें।
5 परमिट राज से पब्लिक ट्रांसपोर्ट को मुक्त किया गया।
2015-16 के बजट की खास बातें..
– इस बजट में बेसिक टैक्स छूट सीमा को 2 लाख से बढ़ाकर 2।5 लाख रुपये कर दिया गया। वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह सीमा 2।5 लाख रुपये से बढ़कर 3 लाख रुपये हो गई।
– सेक्शन 80(सी) के तहत छूट सीमा 1.1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.50 लाख रुपये कर दी गई।
– सेक्शन 24 के तहत होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट की सीमा 1।5 लाख रुपये से बढ़कर 2 लाख रुपये हो गई। 2015-16 के बजट में पेंशन स्कीम बना आकर्षक
– मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दूसरे बजट में इनकम टैक्स स्लैब्स और रेट्स में कोई बदलाव नहीं किया गया।
– सेक्शन 80CCD(1b) के तहत एनपीएस में निवेश पर 50 हजार रुपये की टैक्स छूट की घोषणा की गई। सेक्शन 80C और 80CCD(1b) को मिलाकर अब 2 लाख रुपये के टैक्स छूट का लाभ मिलने लगा।
– सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश पर मिलने वाले ब्याज को टैक्स फ्री किया गया।
– 1 करोड़ रुपये से अधिक की सालाना आय वाले इंडिविजुअल्स पर सरचार्ज 10 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी कर दिया गया।
– वेल्थ टैक्स खत्म कर दिया गया।
2014-15 के बजट की खास बातें-
1 मैन्युफैक्चरिंग और इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने का प्रयास किया गया।
2 मध्यम वर्गीय लोगों को कई तरह की छूटें दी गई। जैसे- आयकर में बढ़ोत्तरी को 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख रूपये किया गया।
3 80 सी के अंतर्गत बचत की सीमा को एक लाख से बढ़ाकर 1.5 लाख रूपये किया गया।
4 हाउसिंग लोन पर छूट की सीमा 1.5 लाख रूपये से बढ़ाकर 2 लाख रूपये की गई।
5 पिछली सरकार की तरफ से तय की गई 4.1% राजकोषीय घाटे को पूरा किया गया। इसके साथ ही, एक्सपेंडीचर मैनेजमेंट कमीशन की स्थापना की गई।
6 बीमा और रक्षा पर एफडीआई (विदेशी प्रत्यक्ष निवेश) की सीमा को बढ़ाकर 26 फीसदी से 49 किया गया।
7 जीएसटी को जल्द से जल्द लागू करने का भी संकेत दिया गया।
8 कई घोषणाएं की गई जिनमें 24 घंटे घरेलू बिजली देना का भी वादा था। ग्रामीण इलाकों में शहर जैसी सुविधाएं देने का भी वादा किया गया।
9 स्टार्ट अप्स को बढ़ावा दिया गया और स्मार्ट सिटीज का भी ऐलान किया गया।