डोम्बीवली। रविवार को शुभ मंगल कार्यालय के विशाल हॉल में चाक्षुष्मान आचार्य महाप्रज्ञजी की जन्म शताब्दी का भव्य कार्यक्रम शासन श्री साध्वी सोमलता जी के सानिध्य में आयोजित हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ नमस्कार महा मंत्रोच्चार से हुआ। मंगलाचरण का संगान डोंबिवली महिला मंडल ने किया।
स्वागत भाषण डोंबीवली के सभा अध्यक्ष सुरेशजी सिंघवी ने किया। मुख्य वक्ता दिलीपजी सरावगी ने आचार्य महाप्रज्ञ के संस्मरणों का सजीव चित्रण करते हुए कहा आचार्य महाप्रज्ञ जी दिव्य पुरुष थे उनकी वाणी में जादुई आकर्षण था वे महान दार्शनिक चिंतक थे इस शुभ मौक़े पर शासनश्री साध्वी सोमलताजी ने अपने आराध्य की अर्चना करते हुए कहा चाक्षुष्मान आचार्य महाप्रज्ञ जी महानयोगीराज थे उनकी कल्याणमयी वाणी सुषुप्त को जगाने वाली,जागृत को गतिमान करने वाली,चलने वालों को मंज़िल तक पहुँचाने वाली थी। आपने आगे कहा आचार्य श्री महाप्रज्ञ अनासक्ति और अनाग्रह के आराध्य थे।उनकी महावीर वाणी भिक्षुवाणी पर दृढ़ आस्था थी और अपने दीक्षा गुरु व शिक्षा गुरु के प्रति जीवन के अंतिम क्षण तक समर्पित रहे समर्पण भाव के कारण ही वे अज्ञ से महाप्रज्ञ बने।
साध्वीश्री ने उनके जीवन की अमूल्य विशेषताओं का उल्लेख करते हुए कहा प्रेक्षा-ध्यान,जीवन विज्ञान,विकास महोत्सव आदि अवदानों के माध्यम से उन्होंने संपूर्ण जगत को जीवन जीने की कला सिखायी आपने सम्पूर्ण जनमेदिनी को संबोधित करते हुए कहा महायोगी महाप्रज्ञ की जन्म शताब्दी मनाने की सार्थकता तभी होगी जब उनके दिखाए गए पथ का अनुकरण करेंगे यानी प्रतिदिन 10 मिनट प्रेक्षा ध्यान का प्रयोग कर अपनी चेतना का जागरण करेंगे आपने एक वर्ष के लिए भोजन में जुठन नहीं छोड़ने का संकल्प व चैत्य पुरुष जग जाए देव दो हस्तावलंबन गीत सीखने की प्रेरणा दी।
साध्वीश्री शकुन्तला कुमारी जी साध्वीश्री जाग्रत प्रभाजी ने गीत गाया। संचितय़शाजी रक्षितयशाजी ने परिसंवाद के माध्यम से मनुष्य लोक के जन्म जयंती के कार्यक्रमों के साथ स्वर्गलोक के दृश्य का भी साक्षात्कार करवाया कन्यामंडल ज्ञानशाला नवयुवती बहनें की भी इस कार्यक्रम में सहभागिता रही ज्ञानशाला के बच्चों ने मनोएक्टिंग की कौपर खेरणा की युवक परिषद और महिला मंडल ने “विनय से वंदन करें भाव से अर्चन करें” मधुर स्वर लहरियों से श्रोतागण भाव विभोर हो गए महिला मंडल की संयोजिका सरोज सिंघंवी भँवरलालजी डांगी रमेशजी मादरेचा मुंबई उपाध्यक्ष भगवतीलाल जी पटवारी सुरेश सुरेन्द्र बैद ने अपने भावों की अभिव्यक्ति गीत कविता के माध्यम से दी युवक परिषद के मंत्री ललित जी पुनमिया ने आभार ज्ञापन व कुशल संचालन मनोज जी सिंघवी ने किया।
प्रांजल प्रज्ञा के धनी चाक्षुष्मान आचार्य महाप्रज्ञ: शासनश्री साध्वी सोमलता
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