तेरापंथ सभा के नेतृत्व में 500 व्यक्तियों का संघ पहुंचा श्रीचरणों में
तमिलनाडु। सफलतम चेन्नई चातुर्मास एंव तमिलनाडु के लम्बे सुखद पावस प्रवास की परिसम्पन्नता पर श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा के तत्वावधान में चेन्नई श्रावक समाज के लगभग 500 व्यक्तियों ने संघबद्ध होसुर पहुंच, परमपूज्य आचार्य श्री महाश्रमणजी को *तमिलनाडु स्तरीय मंगलभावना* संप्रेषित की!
आचार्य प्रवर के नमस्कार महामंत्र के मंगल स्मरण के साथ प्रारम्भ समारोह में मुनि श्री अनेकांतकुमार, साध्वी श्री तन्मयप्रभा, साध्वी श्री सिद्धार्थप्रभा, साध्वी श्री तेजस्विनीप्रभा, साध्वी श्री धैर्यप्रभा, साध्वी श्री चरितार्थप्रभा ने अपने विचारों एवं तमिलनाडु की साध्वी समुदाय ने सामूहिक गीतिका के माध्यम से शांतिदूत महातपस्वी महाश्रमणजी के श्रीचरणों में वन्दन के साथ मंगलमय मंगलभावना संप्रेषित की।
आचार्य श्री महाश्रमण चातुर्मास प्रवास व्यवस्था समिति के अध्यक्ष श्री धरमचन्द लूंकड़ ने कहा कि *गुरूदेव धरती जरूर तमिलनाडु की छूट रही हैं, लेकिन हमारे दिल, हमारी जान, हमारा स्नेह, हमारा सब कुछ आप हैं| विदाई की तो संभावना है ही नहीं, गुरूदेव आपको पुनः चेन्नई पधारना हैं।
प्रवास व्यवस्था समिति के महामंत्री श्री रमेश बोहरा, तेरापंथ सभा अध्यक्ष श्री विमल चिप्पड़, मंत्री श्री प्रवीण बाबेल, महिला मण्डल उपाध्यक्षा श्रीमती पुष्पा हिरण, तेयुप अध्यक्ष श्री प्रवीण सुराणा, टीपीएफ अध्यक्ष श्री अनिल लुणावत, अणुव्रत समिति से श्री मंगलचन्द ड़ुगरवाल, गुरू दर्शन यात्रा संयोजक श्री गौतमचन्द समदड़िया ने गुरूदेव को सविधि वन्दना निवेदन कर, सुखसाता पृच्छ, खमत खामणा किया! श्रावक समाज को आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए कृतज्ञता निवेदित कर आगामी मंगलमय प्रवास, यात्रा की शुभकामना प्रेषित की।
चेन्नई का चातुर्मास रहा अच्छा : आचार्य श्री महाश्रमण
आचार्य श्री महाश्रमण ने पावन पाथेय प्रदान करते हुए कहा कि तमिलनाडु का लम्बा प्रवास, उसमें चेन्नई का चातुर्मास, आज इनकी सम्पन्नता का क्षण निकट आ रहा हैं| इस यात्रा में काफी अच्छा क्रम बना रहा, चेन्नई का चातुर्मास बहुत अच्छे ढ़ग से सम्पन्न हुआ और भी तमिलनाडु की यात्रा में अच्छा रहा।
आचार्य श्री ने आगे कहा कि जो यह दीर्घ तमिलनाडु की यात्रा रही, श्रावक समाज में खुब अच्छी भावना बनी रहे|* परम् पूज्य गुरूदेव तुलसी 50 वर्ष पूर्व पधारे थे, उनकी जो विहार भूमि थी, उस पर पुन: हमारा आने का काम पड़ा और गुरूदेव तुलसी ने यहा जो काम किया, श्रम किया, यात्रा की| तो गुरूदेव तुलसी जैसे महापुरुष इस तमिलनाडु की धरा पर पधारे थे, तो यहा की जनता में खुब अच्छा रहे, सब मंगलमय बना रहे।
जीवन में उगे अध्यात्म की फसल : साध्वी प्रमुखाश्री कनकप्रभा
साध्वी प्रमुखाश्री कनकप्रभा ने कहा कि परम् पूज्य आचार्य प्रवर ने इतने महीनों तक आपको जो आगम वाणी का अमृतपान करवाया, उपदेशा अमृत पिलाया| अब आप लोगों को पहाड़ी नदी की तरह प्रवाहित नहीं, अपितु समतल भूमि पर बरसते पानी से किसान खेती करता है, नई फसल उगाता हैं। उसी तरह आपके जीवन में भी अध्यात्म की फसल उगे, जिससे आप स्वयं भी लाभांवित हो और आपका परिवार एवं आने वाली पिढ़ीया भी लाभांवित हो सके।
कार्यक्रम का कुशल संचालन सभा उपाध्यक्ष श्री अशोक खतंग ने किया
इससे पुर्व मंगलवार को रात्रि में चेन्नई से बसों द्वारा संघ बागलूर (तमिलनाडु) पहुंचा! पारम्परिक दक्षिण वेशभूषा से श्रावक समाज में रैली बद्ध पहले विहार सेवा का लाभ ले होसूर पहुंचे! कम परिवार होते हुए भी होसूर वासियों ने सुन्दर व्यवस्था उपलब्ध करवाई! आचार्य प्रवर के मंगल पाठ श्रवण के बाद ससंघ गुरूवार को रात्रि में चेन्नई के लिए रवाना हुआ। यह आचार्य श्री महाश्रमण चातुर्मास व्यवस्था समिति के जानकारी प्रचार – प्रसार विभागाध्यक्ष स्वरूप चन्द दाँती ने दी।