उमर खालिद पर हमले के मामले में तीन बयानों के बीच उलझी स्पेशल सेल की जांच

नई दिल्ली। जेएनयू छात्र उमर खालिद पर 13 अगस्त को कॉन्स्टिट्यूशन क्लब के बाहर हुए हमले की जांच कर रही स्पेशल सेल तीन बयानों के बीच उलझकर रह गई है। उमर का कहना है कि उन्होंने किसी को गोली चलाते हुए नहीं देखा था, बल्कि गोली चलने की आवाज सुनी थी। उमर के दोस्तों का कहना था कि उनके सामने उमर पर पिस्टल तानी गई थी। गिरफ्तार आरोपियों का कहना है कि उन्होंने गोली नहीं चलाई थी, बल्कि भागने के दौरान जेब से पिस्टल गिर गई थी। इस मामले में एक और अहम कड़ी यह भी है कि अगर गोली चली थी तो उसका खाली खोखा कहां गया?
स्पेशल सेल का कहना है कि मामले में आरोपी नवीन दलाल और दरवेश शाहपुर को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से हमला नवीन द्वारा किया गया था। पुलिस पूछताछ में नवीन का कहना है कि उसने गोली नहीं चलाई थी और न ही उसका मकसद उमर को जान से मारने का था। नवीन ने पुलिस से कहा कि वह तो केवल प्रोग्राम में खलल डालने के माध्यम से अपना एक्सपोजर चाह रहा था, इत्तेफाक से उमर खालिद प्रोग्राम के बाहर मिल गया था। नवीन के मुताबिक, उसने उमर पर गोली नहीं चलाई गई थी। नवीन के कहा, ‘जब हम वहां से भाग रहे थे, तब पिस्टल जेब से निकलकर नीचे गिर गई।’
ऐसे में अब सेल तीन अलग-अलग बयानों की गुत्थी में उलझी हुई है। मामले में अभी तक जब्त पिस्टल की बेलेस्टिक रिपोर्ट भी नहीं आई है, जिससे यह पता लग सके कि उससे गोली चली थी या नहीं।

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