नई दिल्ली: राहुल गांधी ने कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की पेशकश की थी। वे अभी भी अपने इस फैसले पर अड़े हुए हैं। न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, मौजूदा हालात को देखते हुए राहुल लोकसभा में संसदीय दल के नेता का जिम्मा संभालने को तैयार हो गए हैं। बताया जा रहा है कि उन्होंने पार्टी में अध्यक्ष मंडल बनाए जाने का सुझाव रखा है। अंतरिम कार्यकारी अध्यक्ष की दौड़ में कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया और केके वेणुगोपाल के नाम आगे हैं।
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, सोनिया गांधी यूपीए अध्यक्ष बनी रहेंगी। लेकिन, गांधी परिवार यानी सोनिया-राहुल और प्रियंका पार्टी के रोजमर्रा के कामों में दखल नहीं देगा। पार्टी में एक कार्यकारी अध्यक्ष, दो या उससे ज्यादा कार्यकारी उपाध्यक्षों का अध्यक्ष मंडल बनाया जा सकता है।
चुनावी रणनीति बनाएगा कार्यकारी अध्यक्ष मंडल
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, अध्यक्ष मंडल पार्टी के कामकाज संभालने के साथ चुनावी रणनीति पर विचार करेगा। केसी वेणुगोपाल को अंतरिम अध्यक्ष पद का जिम्मा सौंपा जा सकता है, क्योंकि पार्टी को दक्षिण से 23 सांसद मिले हैं। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चह्वाण को उपाध्यक्ष बनाया जा सकता है। इसके अलावा पार्टी ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी कार्यकारी अध्यक्ष का जिम्मा सौंप सकती है और उन्हें सचिन पायलट और मिलिंद देवड़ा जैसे युवा कार्यकारी अध्यक्षों की टीम दी जा सकती है।
राहुल के समर्थन में युवा नेता
सूत्रों के मुताबिक, सीडब्ल्यूसी की बैठक में राहुल द्वारा नाराजगी जाहिर करने के बाद कुछ वरिष्ठ नेताओं को कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। पार्टी में बदलाव के फैसले पर राहुल का सबसे ज्यादा समर्थन पायलट और सिंधिया ही कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि ये नेता मानते हैं कि पार्टी की कमान संभालने का यही वक्त है।
इस्तीफे पर विचार के लिए राहुल को एक महीने का वक्त मिले- प्रियंका
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, सीडब्ल्यूसी की बैठक में प्रियंका ने तल्ख लहजे में कहा था कि कांग्रेस के हत्यारे इसी कमरे में बैठे हैं। प्रियंका ही पहली नेता थीं, जिन्होंने यह सुझाव दिया कि राहुल को अपने इस्तीफे पर विचार के लिए एक महीने का समय दिया जाए। कांग्रेस नेताओं के साथ अपनी बातचीत में भी प्रियंका और राहुल ने कई नेताओं की कार्यप्रणाली को सही नहीं ठहराया।