नई दिल्ली: सर्वसम्मति से एनडीए का नेता चुने जाने के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलकर नरेंद्र मोदी ने नई सरकार बनाने का दावा पेश किया। राष्ट्रपति ने उनसे कैबिनेट के अन्य सदस्यों की भी सूची देने का अनुरोध किया। इस दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री नियुक्त किया। इसके साथ ही उन्होंने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री शपथ ग्रहण करने और एनडीए को सरकार बनाने का भी न्योता दिया। इससे पहले नरेंद्र मोदी के एनडीए का नेता चुने जाने के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को समर्थन पत्र सौंप दिया गया है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के नेतृत्व में एनडीए के नेताओं ने राष्ट्रपति को नरेंद्र मोदी को सर्वसम्मति से नेता चुने जाने की जानकारी देते हुए यह समर्थन पत्र सौंपा।
गठबंधन का नेता चुने जाने के बाद मोदी ने संविधान की प्रति को प्रणाम करते हुए अपना संबोधन दिया। एनडीए के सदस्यों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि गरीबों और अल्पसंख्यकों को विपक्ष ने धोखा दिया है। इसे तुरंत रोकना चाहिए। ‘हमने सबका साथ, सबका सबका विकास के लिए काम किया है। अब हमें सबका साथ निभाना है।’
गरीबों और अल्पसंख्यकों को धोखा दिया गया
उन्होंने इस दौरान कहा ‘जिस तरह से गरीबों को धोखा दिया गया है, अल्पसंख्यकों को उसी तरह से धोखा दिया गया है। यह अच्छा होता अगर उनकी शिक्षा, उनकी सेहत पर ध्यान दिया जाता। हमें इस छल को भी भेदना है। हमें उनका विश्वास जीतना है। संविधान को साक्षी मानकर हम संकल्प लें कि देश के सभी वर्गों को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है। पंथ-जाति के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। हम सबको मिलकर 21वीं सदी में हिंदुस्तान को नई ऊचाईयों पर ले जाना है।
इस चुनाव में सत्ता-समर्थक लहर देखने को मिली
उन्होंने एनडीए नेताओं से कहा ‘इस चुनाव में सत्ता-समर्थक लहर (PRO-INCUMBANCY)थी, इसका नतीजा एक सकारात्मक जनादेश था। इस चुनाव ने दीवारों को नीचे लाने और दिलों को जोड़ने में मदद की है। इससे पहले कहा जाता था कि चुनाव बांटने का काम करता है। आचार्य विनोबा भावे भी इसे कहते थे। इसके विपरीत इस चुनाव ने दिलों को जोड़ने का काम किया है। ये चुनाव सामाजिक एकता का आंदोलन बन गया।
मोदी ही मोदी का चैलेंजर है
इस दौरान उन्होंने कहा अखबार के पन्नों से न तो मंत्री बनते हैं, न ही मंत्रिपद जाते हैं। मैंने कभी कहा था कि मोदी ही मोदी का चैलेंजर है। इस बार मोदी ने मोदी को चैलेंज किया और 2014 के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को जितने वोट मिले और 2019 में जो वोट मिले, उनमें जो वृद्धि हुई है, यह वृद्धि करीब-करीब 25 प्रतिशत है, मेरे जीवन के कई पड़ाव रहे, इसलिए मैं इन चीजों को भली-भांति समझता हूं, मैंने इतने चुनाव देखे, हार-जीत सब देखे, लेकिन मैं कह सकता हूं कि मेरे जीवन में 2019 का चुनाव एक प्रकार की तीर्थयात्रा थी।
को-ऑपरेटिव फेडरलिज्म की पटरी पर दौड़ेगा देश
39 सहयोगी दलों की उपस्थिति में ‘नेशनल एंबीशन, रीजनल एस्पिरेशन’ (राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा और क्षेत्रीय आकांक्षा) की बात करते हुए उन्होंने कहा कि देश अब इसी पटरी पर दौड़ेगा। एक तरफ जहां यह एनडीए को मजबूत करने का संकेत था, वहीं यह भी जता दिया कि सभी राज्यों को साथ लेकर देश आगे बढ़ेगा। मोदी पहले भी को-ऑपरेटिव फेडरलिज्म की बात करते रहे हैं।
एनर्जी और सिनर्जी से आगे बढ़ेगा एनडीए
उन्होंने कहा कि एनडीए अपने दो रसायनों एनर्जी और सिनर्जी (ऊर्जा एवं तालमेल) से आगे बढ़ेगा। उन्होंने भाजपा के विस्तार में अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे वरिष्ठ नेताओं के योगदान को भी सराहा।
राष्ट्रपति कोविंद ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री नियुक्त किया, एनडीए को सरकार बनाने का न्योता
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