कराची: कर्ज की उम्मीद में दुनियाभर में भटक चुके और कई जगहों से ठुकरा दिए गए पाकिस्तान की मुद्रा इस वक्त पाई-पाई की मोहताज है। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने गुरुवार को कहा कि पाकिस्तानी रुपया एक डॉलर के मुकाबले 3.6 फीसद से अधिक गिरकर 146.52 के सर्वकालिक निचले स्तर पर आ गई। बुधवार को भी पाक मुद्रा में पांच फीसद तक की गिरावट दर्ज की गई थी। मुद्रा के इस पतन को रोकने के लिए पाकिस्तान सरकार में बैठकों का सिलसिला जारी है और विभिन्न उपायों पर चर्चा की जा रही है। पिछले वर्ष की शुरुआत से अब तक पाकिस्तानी मुद्रा एक तिहाई से अधिक कमजोर हो चुकी है। वर्तमान स्तर पर भी कई विश्लेषक पाकिस्तान की मुद्रा का मूल्य वाजिब स्तर से ज्यादा बता रहे हैं।
स्थानीय खबरों में कहा गया है कि मुद्रा की दुर्गति को देखते हुए सरकार पाकिस्तानी नागरिकों द्वारा विदेश यात्रा के वक्त साथ ले जाने वाली मुद्रा की वर्तमान सीमा 10,000 डॉलर से घटाकर 3,000 डॉलर करने पर विचार कर रही है। इसके साथ ही सरकार ने उन कंपनियों के खिलाफ भी कार्रवाई का आदेश दिया है, जो महंगे भाव पर डॉलर की बिक्री कर रहे हैं।
पिछले सप्ताह जब डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया 141 के स्तर तक लुढ़क गया था, तो सरकार ने करेंसी डीलरों के साथ बैठक की थी। इस बैठक का मकसद इस वक्त एशिया के इस सबसे कमजोर मुद्रा के भाव में स्थिरता लाने के तरीकों पर मंथन करना था। पिछले सप्ताह ही सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) से 600 करोड़ डॉलर (डॉलर के मुकाबले तत्कालीन भाव पर 84,600 करोड़ पाकिस्तानी रुपया) की मदद के लिए प्राथमिक करार पर हस्ताक्षर किए थे। उसके बाद भी डॉलर के मुकाबले रुपये का टूटना जारी है।
विकास दर नौ वर्षो में सबसे कम
विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान की मुद्रा को कई मोर्चो पर बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। एक तरफ पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार गिर रहा है, तो दूसरी तरफ देश की विकास दर लगातार गिर रही है। बीते वित्त वर्ष (2018-19) के लिए पाकिस्तान की विकास दर घटकर महज 3.3 फीसद रहने का अनुमान लगाया गया है, जो पिछले नौ वर्षो का निचला स्तर है।
खबरों के मुताबिक पाकिस्तानी मुद्रा के सर्वकालिक निचले स्तर पर जाने के बाद दुबई में इसे भुनाने के लिए पाकिस्तानी नागरिकों में होड़ लगी है। विशेषज्ञों का कहना है कि आइएमएफ से मदद हासिल करने के लिए पाकिस्तान सरकार ने जिस तरह के समझौते किए हैं, उससे आने वाले दिनों में पाकिस्तानी मुद्रा में और गिरावट आने की आशंका है।