‘कला’ जो आध्यात्मिकता और प्रकृति की भावना को प्रकट करती है
मुंबई। कलाकार परमेश पॉल का बचपन आध्यात्मिकता में डूबा रहा। उनके लिये चित्रकारी मतलब हमेशा से ही आध्यात्मिक अभ्यास रहा, दैवीय रूप से जागरूक और रचनात्मक संरेखण का एक अधिनियम है। जैसे-जैसे चित्रों में गहराई आती जाती है, वैसे-वैसे जीवन का सामंजस्यपूर्ण ताल का अनुभव होता है, जो संपूर्ण सृष्टि के साथ पारगमन, संतुलन और एकता की भावना के साथ होता है।
परमेश पॉल की कलात्मक जीवन का सफर उनके गांव पश्चिम बंगाल के नादिया से शुरू हुआ। शुरूआती स्कूल के दिन कला से भरे थे। कुम्हार के घर जन्मे इस बच्चे ने रचनात्मकता के साथ इस खूबसूरत यात्रा को आराम से निभाया । परमेश पॉल ने आगे कहा, “मैं एक कलाकार हूं जो अपने प्रयासों से आगे आया हूँ । मैंने अपने परिवार के साथ इस यात्रा की शुरुआत की थी। हम देवी-देवताओं की सुंदर मूर्तियां बनाते थे, लेकिन इस्कॉन की वास्तविकता मुझे रंगकर्म में ले गई, और इसलिए शायद मेरी चित्रकारी आध्यात्मिकता और प्रकृति का एहसास करती है । इनमें से प्रत्येक चित्रकारी कि प्रतिया भारत के विभिन्न हिस्सों की यात्रा से प्रेरित है, मेरी हर कलाकृती जो मैने देखा और अनुभव किया उस पर आधारित है। ”
“मैं अपने कला से पहले से ही इमानदार हु। जो मुझे सही लगा मैने उसे कैन्वास पे उतारा। परमेश पॉल कहते है,” मंदिरों से मधुर भजनों कि और संगीत कि आवाज सुनके बढा हुआ हूँ । निसर्ग से जुडा आकर्षण और पवित्र नंदी, देवी-देवताओं भव्य वाहन का चित्र कैन्वास पर उतारना मेरे मायने में उनकी पूजा के बराबर है।” जादुई रहस्यवाद, जीवंत आध्यात्मिकता, हिंदू पौराणिक कथाओं की विशाल धार्मिकता, परमीश पॉल अपने कार्यों को एक अस्थिर ऊर्जा के साथ मनाते हैं, जिसकी वजह से नंदी की चमक और पवित्रता दोनों भौतिक और शारीरिक रूप से वैभवशाली दिखाई देती हैं। “जब मेरे दर्शक प्रशंसा करते हैं और मेरे काम के बारे में मुझसे बात करने के लिए आगे आते हैं, तो मुझे लगता है कि मैं अपने जीवन की यात्रा को एक पूर्ण कलाकार के रूप में पूरा कर रहा हूं।” कलाकार हमें अपनी इसी कला कि भव्य छवी दिखाने के लिये आमंत्रित करते है। यह 6 मई से 12 मई, 2019 तक , जहाँगीर आर्ट गैलरी (नंबर 4) में, आपको इस भव्य आर्ट ट्रांसमिशन, ‘द सेक्रेड नंदी’ देखने को मिलेगा ।
जहांगीर आर्ट गॅलरी में परमेश पॉल नई कला ‘द सॅक्रेड नंदी’ आयोजन
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