कांदिवली। आचार्य श्री महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ती उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनि श्री कमल कुमार जी एवं शासन श्री साध्वी श्री सोमलता जी के सांनिध्य में अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के निर्देशन में मुंबई महिला मंडल के तत्वावधान में कांदिवली, मालाड, बोरीवली, महिला मंडल द्वारा आयोजित एम्पावरमेंट का दसवां पायदान नेविगेट योरसेल्फ करे लक्ष्य का निर्धारण का आयोजन हुआ। ग्रो टूगेदर चले हम संग – संग प्रोग्रेस टूगेदर सही दिशा में करे गति पारस्परिक सक्सेस टूगेदर, कदम बढ़ाए सफलता पाए। महिला मंडल की बहनो ने मंगलाचरण गीतिका का संगान किया। मालाड संयोजिका गोमती मेहता ने स्वागत भाषण की प्रस्तुति दी।
श्री सोमलताजी ने अपने ओजस्वी उद्बोधन मे कहा – समाज विकास का मूल मंत्र है- विचारों का आदान- प्रदान| विवाह समस्या का जनक है तो संवाद उसका समाधान | व्यक्ति की पहचान उसके व्यवहार से होती है | व्यवहार शास्त्र से बड़ा कोई शस्त् नही। जो व्यवहार शून्य होता है वह विद्वान भी मूर्ख होता है । सफलता के महल की बुनियाद है – सम्यक व्यवहार । उदारता ,विनम्रता मधुरता शालीनता बुद्धि आचरण जाए तो जीवन प्रकाश और खुशबू से भर जाएग । उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनि श्री कमल मुनि जी ने प्रेरणा पत्र प्रदान करते हुए कहा – महिला मंडल की बहनों समय अनुकूल कार्यक्रमों में से ना केवल अपने बल्कि पूरे समाज के नक्शे में सुंदर रंग भर रही है | अपने आगे कहा- आचार्य श्री तुलसी बीसवीं सदी के एक महान जैनाचार्य थे ।
वे युगदृष्टा थे उन्होंने युग के अनुरूप तेरापंथ धर्मसंघ को ही नहीं पूरे राष्ट्र के विकास के लिए भी युग के अनुरूप अनेक महत्वपूर्ण अवदान दिए जिसमें नारी उत्थान था । आपने घटना प्रसंग का उल्लेख करते हुए कहा – आज प्रत्येक नारी संस्कारों से सज्जित होकर किसी भी क्षेत्र में कदम बढ़ाए तो मंजिल उसके पास स्वत: दौड़ी हुई आएगी । अपेक्षा है सहिष्णुता का कवच पहनकर शिष्टाचार, सदाचार की सीढ़ी पर आरोहण करने की । मुनि श्री अमन कुमार जी , साध्वी श्री शकुंतला कुमारी जी , संचित यशाची ,जागृत प्रभाजी , रक्षित यशाची की भी उपस्थिति रही । कार्यशाला में केसरिया परिधान पहने बोरीवली मलाड, कांदिवली , अंधेरी, सांताक्रुज, दहिसर इत्यादि क्षेत्र की बहनों वह कन्या मंडल की सराहनीय उपस्थिति रही। मंच का कुशल संचालन कांदिवली सह संयोजिका संगीता कुमठ ने किया।
कांदिवली तेरापंथ भवन में एम्पावरमेंट योरसेल्फ कार्यशाला का आयोजन
Leave a comment
Leave a comment