नई दिल्ली:आगामी लोकसभा चुनावों के लिए दिल्ली की सात में से चार सीटों पर कांग्रेस ने उम्मीदवारों के नाम तय कर दिए हैं। पार्टी सूत्रों की मानें तो गुरुवार शाम कांग्रेस के राष्ट्रीय कार्यालय में हुई केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक में इसका फैसला किया गया। उम्मीदवारों के नामों की घोषणा दो-तीन दिनों में होने की संभावना है।
पार्टी सूत्रों की मानें तो केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक में हरियाणा और दिल्ली की लोकसभा सीटों पर विचार-विमर्श किया गया। सूत्रों की मानें तो बैठक में चार सीटों पर उम्मीदवार तय कर लिए गए हैं। इसमें नई दिल्ली से अजय माकन, चांदनी चौक से कपिल सिब्बल, उत्तर पूर्वी दिल्ली से जयप्रकाश अग्रवाल और उत्तर पश्चिमी दिल्ली से राजकुमार चौहान का नाम है। अभी पूर्वी दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली और दक्षिणी दिल्ली सीट पर किसी एक नाम पर सहमति नहीं बन सकी है।
‘आप’ से गठबंधन के दरवाजे बंद: चाको
लोकसभा चुनावों के लिए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन की संभावना लगभग समाप्त हो गई है। कांग्रेस के दिल्ली प्रभारी पीसी चाको ने गुरुवार को स्पष्ट कहा कि ‘आप’ से गठबंधन के दरवाजे बंद हो चुके हैं। चाको ने कहा कि पार्टी सातों सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच लगभग डेढ़ महीने से चल रही गठबंधन की अटकलों पर अब विराम लगता दिख रहा है। एक दिन पहले ही ‘आप’ नेता संजय सिंह ने कहा था कि कांग्रेस के साथ गठबंधन के दरवाजे बंद हो चुके हैं। गुरुवार को कांग्रेस नेता ने इस पर पलटवार किया।
चाको ने कहा कि आम आदमी पार्टी की ओर से गठबंधन की कोशिश की जा रही थी। इस पर हमने उनके वरिष्ठ नेताओं के साथ बातचीत की। लेकिन, वे अन्य राज्यों में भी गठबंधन चाहते हैं, जो संभव नहीं है। ‘आप’ गठबंधन करना चाहती थी, क्योंकि वे जानते हैं कि अकेले भाजपा को नहीं हरा पाएंगे। निगम चुनाव में भी वे दूसरे स्थान रहे थे। कांग्रेस सातों सीट पर अकेले लड़ेगी।
शीला दीक्षित से मिले प्रदेश कांग्रेस प्रभारी
दिल्ली कांग्रेस प्रभारी पीसी चाको ने गुरुवार को प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित से मुलाकात की। इस दौरान सातों सीट के लिए उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा की गई। सूत्रों की मानें तो पार्टी अपने पूर्व सांसदों पर ही लोकसभा चुनावों में भरोसा करने जा रही है। इसी के अनुसार उम्मीदवारों के पैनल तैयार किए जा रहे हैं।
शीला के कारण दोस्ती नहीं:राय
कांग्रेस से गठबंधन न होने के पीछे ‘आप’ शीला दीक्षित को असली वजह मान रही है। पार्टी का कहना है कि शीला दीक्षित की जिद के आगे कांग्रेस नतमस्तक हो गई। उनके विरोध के चलते ही कांग्रेस ने ‘आप’ के साथ गठबंधन नहीं किया। पार्टी कार्यालय में गोपाल राय ने कहा कि गठबंधन के दरवाजे शीला दीक्षित ने पहले दिन से बंद कर रखे थे। शीला के आगे पूरी कांग्रेस नतमस्तक हो गई। शीला दीक्षित के आगे पूरी कांग्रेस नतमस्तक हो गई।