देहरादून:केंद्र सरकार की ओर से संचालित राष्ट्रीय दृष्टिबाधितार्थ संस्थान (एनआईवीएच) में छात्राओं का यौन शोषण हो रहा है। बाल कल्याण समिति, देहरादून ने संस्थान का दौरा करने के बाद यह रिपोर्ट दी है। पुलिस ने मामले में मुकदमा दर्ज करके संस्थान के ही अध्यापक को नामजद किया है। राज्य की बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने कहा है कि इस मामले में कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उधर, संस्थान की निदेशक अनुराधा डालमियां ने कहा है कि उनसे किसी छात्र छात्रा ने यौन शोषण की शिकायत नहीं की है।
संस्थान में गुरुवार और शुक्रवार को छात्र-छात्राओं के आंदोलन के बाद राज्य की बाल विकास राज्य मंत्री रेखा आर्य ने बाल कल्याण समिति देहरादून की टीम को संस्थान में भेजा था। संस्थान का दौरा करने के बाद समिति ने कहा है कि अपने बयानों में छात्र-छात्राओं ने कहा है कि संस्थान का एक अध्यापक शुचित नागर उनका यौन शोषण कर रहा है। इसके बाद समिति ने राजपुर थाने में आरोपी अध्यापक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए तहरीर दी। राजपुर थाने के एसओ अरविंद कुमार ने बताया इस मामले में बाल कल्याण समिति देहरादून ने आरोपी अध्यापक शुचित नागर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। एसओ ने कहा कि कितनी छात्राओं का यौन शोषण हुआ है, यह बात जांच के बाद साफ होगी।
छेड़छाड़ और पोक्सो अधिनियम के तहत दर्ज हुआ केस
थाना अध्यक्ष अरविंद कुमार ने बताया कि शिक्षक के खिलाफ छेड़छाड़ की धारा 354 और पोक्सो अधिनियम के तहत मुकदमा कायम किया गया है। उन्होंने बताया कि इससे पहले करीब 3 महीने पूर्व भी संस्थान के संस्कृत टीचर रमेश चंद्र कश्यप के खिलाफ एक बालक से समलैंगिक अपराध के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। जिसमें पुलिस आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।
कोर्ट में दर्ज कराए जाएंगे बयान
एसओ ने बताया कि पुलिस रविवार और सोमवार को पीड़ित बालिकाओं के कोर्ट में बयान दर्ज कराने के साथ ही उनका मेडिकल कराएगी। इसके बाद पुलिस आरोपी शिक्षक की गिरफ्तारी की कार्रवाई शुरू करेगी। उधर, केंद्रीय संस्थान में लगातार छात्रों पर शोषण के मामले सामने आने के बाद संस्थान प्रशासन सवालों के घेरे में है। बाल आयोग ने भी इसे लेकर जांच शुरू कर दी है।
डीएसपी भी कर रहीं जांच
राष्ट्रीय दृष्टिबाधितार्थ संस्थान (एनआईवीएच) में गुरुवार को छात्र-छात्राओं ने आरोपी अध्यापक के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर गुरुवार और शुक्रवार को आंदोलन किया था। इसके बाद पुलिस मुख्यालय ने जांच डीएसपी जया बलोनी को सौंपी थी। उनसे दो सप्ताह में रिपोर्ट मांगी गई है।