यमुनानगर:शहर की एक अदालत ने 19 साल तक दुष्कर्म किए जाने के मामले की सुनवाई करते हुए तल्ख टिप्पणी की। क्राइम अगेंस्ट वीमेन अदालत की न्यायाधीश पूनम सुनेजा ने कहा कि महिला के बयान विश्वास के योग्य नहीं है। इन्हें मंजूर नहीं किया जा सकता। 19 साल तक आपसी सहमति से बने संबंध दुष्कर्म नहीं हो सकता। महिला के बयान और साक्ष्यों के बीच विरोधाभास है।
38 पेज के फैसले में न्यायाधीश ने व्यापारी नवीन कुमार (42) को दुष्कर्म के आरोपों से बरी कर दिया। एडवोकेट विनय शर्मा ने बताया कि गांव भूखड़ी निवासी व्यापारी 42 वर्षीय नवीन कुमार का आरा मशीन और धर्मकांटा है। आरा मशीन पर काम करने वाले व्यक्ति ने आर्थिक हालत कमजोर होने की बात कहते हुए अपनी साली को व्यापारी के घर पर घरेलू काम के लिए रखवा दिया। इस दौरान महिला के साथ व्यापारी के साथ शारीरिक संबंध बन गए। बाद में महिला ने दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए केस दर्ज करा दिया।
पुलिस ने भी दोनों के बीच रिलेशनशिप की रिपोर्ट कोर्ट में पेश की थी। एक साल तक अदालत में केस चला। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुनाया। न्यायाधीश ने कहा कि निसंदेह सहमति से संबंध बने हैं जो केस दायर किया है वह विश्वास योग्य नहीं है। यह ऐसा केस है जो संबंधों में खटास आने की वजह से हुआ है।
सहमति से 19 साल तक संबंध बनाए तो दुष्कर्म कैसे, आरोपी को किया बरी
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