जामनेर। बसंत के प्रतिक पर्व होली चातुर्मास के अवसर पर आचार्य महाश्रमणजी की विदुषी सुशिष्या साध्वीश्री निर्वाणश्रीजी के आगमन उपलब्धियों की नई बहार लेकर आया। साध्वीश्री जी के पावन सान्निध्य और प्रेरणा से जामनेर में अनेकविध कार्यक्रम का सफलता पूर्वक समायोजना हुआ।उन कार्यक्रमों का विवरण इस प्रकार है —
तत्त्वज्ञान की कार्यशाला- दि.15 मार्च को मध्याह ढाई बजे से चार बजे तक तत्त्वज्ञान पर रोचक कार्यशाला हुई।स्थानीय बहुमंडल बहीनों ने साध्वीवृंद के स्वागत में मधुरगीत प्रस्तुत किया। मुख्य वक्ता साध्वीश्री डा.योगक्षेमप्रभाजी ने सम्यक्तव के विविध पहलुओं की चर्चा करते हुए विषय पर रोचक एवं गहन विश्लेषण किया । बहनों की अनेक जिज्ञासाओं का सुंदर समाधान किया । इस कार्यशाला में 80 बहिनों की उपस्थिति रही।
शनिवारीय सामायिक – आचार्यवर के निर्देशानुसार शनिवारी सामायिक हेतु जामनेर श्रद्धालु भाई-बहनों सोत्साह सामायिक हेतु समवेत रूप से आराधना भवन में उपस्थित हुए।अनेक स्थानकवासी बहनों की भी इस अनुष्ठान में सहभागिता रही। प्रायः 30 भाई -बहनों ने सामूहिक रूप से सामायिक की ।
बाल संस्कार निर्माण शिविर- पाठशाला के ज्ञानार्थीयों का एक संस्कार निर्माण शिविर आयोजित हुआ। इस शिविर में ३५ बच्चों की उत्साह पूर्वक संभागिता रही ।-साध्वीश्री लावण्यप्रभाजी एवं साध्वीश्री मधुरप्रभाजी ने बच्चों को तत्त्वज्ञान एवं व्यावहारिक ज्ञान का प्रशिक्षण दिया।
सास-बहू कार्यशाला – सामाजिक श्रृंखला मे एक महत्वपूर्ण रिश्ता है सास -बहू का । साध्वीश्री जी ने उपस्थित बहनों को सम्बोधित करते हुए कहा – घर के माहौल को स्वर्ग बनाने की जिम्मेदारी सास- बहू की होती है।जिस घर में इस रिश्ते मे मधुरता रहती है। वहां सभी शाम की आनंद एवं सामजस्य का अनुभव करते है। यदि सास -बहू एक – दूसरे के पूरक बनकर कार्य करें तो कभी कटुता का आने का अवसर नहीं मिल सकता।कार्यशाला की मूख्य वक्ता साध्वीश्री डा.योगक्षेमप्रभाजी ने कहा इंजेक्शन शैली से सास -बहू की कार्यशाला को प्रभावी बनाया है। उन्होंने कहा आपसी किताब का हर पन्ना मूल्यवान है। उसे सामंजस्य की प्यारी से लिखे तो घर स्वर्ग बन जाता है। घर में दिवार खिंचे या नहीं दूर हो या नजदीक पर दिल से दूर न हो।सास बहू को ममता दें। व बहु भी सास को समान दें। जब तो ममता व समान साथ -२ हो तो घर का हर सदस्य को सुकून की अनुभूति होगी।
इस अवसर पर महिलाओं ने स्वागत व कृतज्ञता गीत का संगान कर माहौल में ताजगी भर दी। साध्वीश्री लावण्यप्रभाजी ने प्रेरणा गीत का मधुर स्वरलहरियों से संगीतमय बनाया । इस कार्यशाला में स्थानकवासी के कई मंडल शामिल हुए। करीबन 80बहनों की उपस्थिति ने यह कार्यशाला अत्यंत सफल रही।जामनेरवासियो के शब्दों में यह कार्यशाला अद्वितीय थी।दि.१८ मार्च को यह कार्यशाला आयोजित हुई।
धम्म जागरणा व जप अनुष्ठान- आचार्य श्री भिक्षु की मासिक पुण्यतिथि के अवसर पर रात्रि 8.15 बजे से सामूहिक जप व धम्म जागरणा का कार्यक्रम आयोजित किया गया। करीबन ३० भाई -बहनों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। साध्वीश्री निर्वाणश्रीजी के उद्बोधन के पश्चात कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
होली चातुर्मास बन गया उत्साह का पर्व- रंगों के अनुपम फुवारों के साथ जामनेर वासियो ने प्रथम बार आध्यात्मिक होली मनाई। करीबन 400 भाई-बहनों की उपस्थिति में महावीर भवन गुलजार हो गया।साध्वीश्री निर्वाणश्रीजी के मार्मिक उद्बोधन ,साध्वीश्री योगक्षेमप्रभाजी का रोचक व प्रभावी संयोजन एवं साध्वीवृंद की गद्य पद्यात्मक प्रस्तुति से कार्यक्रम में चार चाँद लग गए।श्री ओसवाल संघ द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम को सफल बनाने में संघपति सुरेशभाऊ ललवानी ,पवन सांखला ,सुरेन्द्र कुचेरिया ,आदि का विशेष योगदान रहा।
लघु बहुमंडल सगोष्ठि- जामनेर की करीबन ३०युवति बहनों की विशेष संगोष्ठी साध्वीश्री जी के सान्निध्य में संघ प्रभावक रही। साध्वीश्री जी ने तत्त्वज्ञान व व्यवहार ज्ञान का विशेष प्रशिक्षण दिया। दि. २०/ ३ २०१९
*तेरापंथ सभा प्रेरणा गोष्ठी* जामनेर तेरापंथ समाज के सदस्यों की प्रेरणा गोष्ठी में साध्वीद्वय ने विशेष प्रेरणा दी।साध्वीश्री ने तेरापंथी के गठन को अतिआवश्यक बताते हुए सबको प्रेरित किया।साध्वीश्रीजी की प्रबल प्रेरणा से गोष्ठी सकारात्मक रही।
तेरापंथ महिला मंडल की संगोष्ठी व तेममं का गठन – विदुषी साध्वीश्री जी ने कहा मंडल से क्यों जुड़े -इस विषय पर मार्गदर्शन दिया। साध्वीश्री योगक्षेमप्रभाजी ने भविष्य में क्या करना है कैसे करना है आदि विषय पर दिशा दर्शन दिया। साध्वीश्री मुदितप्रभाजी ने? प्रारंभिक जानकारी दी।सर्व सम्मति से श्री मती उज्जवला सांखला को अध्यक्ष मनोनीत किया गया।उन्होंने अपनी कार्यकारिणी की विधिवत घोषणा की ।
*धम्म जागरण* — आचार्य भिक्षु की मासिक पुण्यतिथि त्रयोदशी को आंशिक धम्म जागरणा की आयोजना की ।ओम भिक्षु जय भिक्षु आदि मंत्र के साथ तेरापंथ प्रबोध का संगान किया गया। लगभग ३०भाई -बहनों की सहभागिता रही।
बहु कार्यशाला- मध्याह में लघु बहुमंडल की संगोष्ठी साध्वीश्री जी के सान्निध्य में हुई।जैन धर्म की विशेषताओं के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी गई। उससे पूर्व साध्वीश्री लावण्यप्रभाजी ने जिन -स्तवन का संगान किया।
अट्ठम अनुष्ठान व चातुर्मासिक पक्खी- होली चातुर्मास के उपलक्ष्य में अट्ठम तप के लिए आह्वान किया गया। श्री मती लीला रांका व श्री मती चंद्रकला बोहरा ने तेले का तप किया। अनेक बहनों ने आयंबिल व एकासन का तेला किया।चातुर्मासिक पक्खी पर ३० भाई-बहनों ने सामूहिक प्रतिक्रमण का आंनद लिया।विशेषत : स्थानक वाशी संप्रदाय की बहनों को तेरापंथ धर्मसंघ में प्रचलित प्रतिक्रमण की पद्यात्मक व्रत -अतिचार की प्रस्तुति आकर्षण लगी। सभी ने इस प्रतिक्रमण को पसंद किया।
*प्रत्याख्यान कार्यशाला* – २१मार्च को मध्याह में समायोजित कार्यशाला में २० बहिनों की सहभागिता रही।उन्हें साध्वीश्री योगक्षेमप्रभाजी ने चवदह नियम व विगय वर्जन के विषय में विस्तार से समझाया।अनेक बहनों में इस प्रत्याख्यान से जुड़ने की भावना व्यक्त की।
मंगलभावना समारोह- साध्वीश्री जी का यह दस दिन का प्रवास जामनेर वासियो के लिए यादगार प्रवास बन गया। तेरापंथ व स्थानकवासी दोनों समाज के भाई -बहनों ने पूरा -पूरा लाभ लिया।मंगल भावना के दिन सबको महसूस हो रहा था मानो साध्वीश्री जी चातुर्मास कर यहां से प्रस्थित हो रही है ।प्रवचन ,ध्यान आदि ने उल्लेखनीय उपस्थिति रही।श्री सुरेशभाऊ ललवाणी ,श्री मती उज्जवला सांखला ,श्री मती हर्षल लोढ़ा ,श्री मती ललिता रांका एवं श्री मती ललवाणी ने अपने भावसुमन समर्पित कर आगामी यात्रा के लिए मंगलकामना की।
जामनेर में आई उपलब्धियों की बहार
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