नई दिल्ली। दो ‘आप’ विधायकों के बीच बैठे थे अंशु प्रकाश, अचानक बरसने लगे थप्पड़ व घूसे। यह दृश्य कोई फिल्मी नहीं है। मामला दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ आप विधायकों मारपीट का है। इस मामले में पुलिस की ओर से दाखिल किया गया आरोप पत्र आम आदमी पार्टी के साथ केजरीवाल सरकार के लिए भी गले की फांस बन सकता है। चार्जशीट के बाद एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि वीके जैन ने अपने बयान में कहा था कि विधायक अमानतुल्लाह खान व प्रकाश जारवाल ने मुख्य सचिव का गला दबाकर सात थप्पड़ व घूसे मारे थे।
आरोप पत्र का मूल आधार सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी वीके जैन का बयान है। वीके जैन के अलावा सीएम अरविंद केजरीवाल के करीबी ही उनके लिए मुश्किल हालात पैदा कर चुके हैं। पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक, केजरीवाल के तीन करीबी लोगों ने ही उनके खिलाफ गवाही दी है, जिसके आधार पर मारपीट के केस में उन्हें आरोपी बनाया गया है।
उत्तरी दिल्ली के एडिशनल डीसीपी हरेंदर सिंह के मुताबिक, वीके जैन, विभव और विवेक यादव ने मुख्यमंत्री केजरीवाल के खिलाफ बयान दिया है। पुलिस ने इन तीनों को सरकारी गवाह बनाया है। यहां पर बता दें कि विभव कुमार अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव रहे हैं, जबकि वीके जैन मुख्यमंत्री के सलाहकार और विवेक यादव सभी विधायकों से समन्वय का जिम्मा संभालते रहे हैं।
चार्जशीट के मुताबिक, वीके जैन के माध्यम से ही केजरीवाल ने मुख्य सचिव को 19 फरवरी की सुबह से देर रात तक बार-बार फोन करवाकर बैठक के बहाने अपने आवास पर बुलवाया था। मुख्य सचिव के मोबाइल की कॉल डिटेल निकलवाकर उसे भी आरोप पत्र में रखा गया है। घटना के दूसरे दिन 21 फरवरी की सुबह सिविल लाइंस थाना पुलिस ने वीके जैन से थाने में बुलाकर पूछताछ की थी। इसके बाद पुलिस ने 22 फरवरी को मजिस्ट्रेट के सामने बंद कमरे में उनका बयान दर्ज करवा दिया था। बयान में उन्होंने घटना की पूरी सत्यता उजागर कर दी थी। तभी पुलिस ने उन्हें केस का मुख्य चश्मदीद गवाह बना लिया था।
पुलिस अधिकारी के अनुसार, प्रोटोकॉल के तहत मुख्य सचिव से केवल मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री ही पूछताछ कर सकते हैं और उन्हें बैठक के लिए बुला सकते हैं, लेकिन इस केस में मुख्य सचिव को बुलाने के बाद केजरीवाल ने उन्हें विधायकों के सवालों के जवाब देने को कहा था। ऐसा करना भी नियम के खिलाफ था। उन्हें सोफे पर दो विधायकों के बीच में बैठाना भी गलत था। इन सब बातों को भी आरोप पत्र में रखा गया है। मुख्य सचिव के साथ मारपीट मामले में दिल्ली पुलिस ने 25 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की थी। सबसे पहले मुख्यमंत्री के आवास पर हुई कथित बैठक में मौजूद रहे आप के 11 विधायकों और मुख्यमंत्री के तत्कालीन सलाहकार वीके जैन से पूछताछ की गई थी। इसके बाद मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री, मुख्यमंत्री के निजी सचिव विभव कुमार, मुख्यमंत्री आवास पर रहने वाले आप कार्यकर्ता, मुख्य सचिव के चालक व पीएसओ से पूछताछ की गई थी, लेकिन वीके जैन को छोड़कर सभी ने मुख्य सचिव से मारपीट की बात से इन्कार किया था, जबकि मेडिकल रिपोर्ट में मारपीट की पुष्टि हो गई थी।
सीएस से मारपीट- पुलिस का आरोप पत्र ‘आप’ के लिए बन सकता है गले की फांस
Leave a comment
Leave a comment