नई दिल्ली:असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (NRC) मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान नाराजगी जताते हुए कहा कि केंद्र असम में एनआरसी की प्रक्रिया को निर्धारित अवधि के भीतर पूरा करने में सहयोग नहीं कर रहा है। कोर्ट ने कहा कि ऐसा लगता है कि गृह मंत्रालय का पूरा प्रयास एनआरसी प्रक्रिया को बर्बाद करने का है।
सुप्रीम कोर्ट ने जोर देकर कहा कि एनआरसी के लिये निर्धारित 31 जुलाई की समय-सीमा आगे नहीं बढ़ायी जाएगी। कोर्ट ने निर्वाचन आयोग से कहा कि वह राज्य के कुछ अधिकारियों को चुनाव के काम से अलग कर दे जिससे एनआरसी प्रक्रिया जारी रखना सुनिश्चित किया जा सके।
उल्लेखनीय है कि एनआरसी में कुल 3,29,91,384 आवेदकों में से अंतिम मसौदे में शामिल किए जाने के लिए 2,89,83,677 लोगों को योग्य पाया गया है। इस दस्तावेज में 40.07 लाख आवेदकों को जगह नहीं मिली है। यह ‘ऐतिहासिक दस्तावेज’ असम का निवासी होने का प्रमाण पत्र होगा।
आपको बता दें कि 1951 के बाद से देश में पहली बार अवैध प्रवासियों को रोकने के लिए इस तरह का कोई लिस्ट जारी किया गया है। माना जा रहा है कि इस लिस्ट के जारी होने के बाद बांगलादेश से हो रहे अवैध प्रवास को रोकने में मदद मिलेगी। इस लिस्ट में 25 मार्च 1971 से पहले से रह रहे लोगों को ही असम का नागरिक माना गया है।