नई दिल्ली:दिल्ली वालों ने पैंतालीस साल बाद इतनी भयंकर ठंड झेली है। मौसम विभाग के मुताबिक इस बार दिसंबर महीने में राजधानी लगातार छह दिन तक शीतलहर की चपेट में रही। इससे पहले सिर्फ 1973 में ऐसा मौका आया था जब दिसंबर महीने में राजधानी लगातार छह दिनों तक शीतलहर की चपेट में रही हो। सर्दी के सितम को ऐसे भी समझा जा सकता है कि पूरे महीने में 26 दिन ऐसे रहे जब न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचे रहा।
राजधानी के लोगों ने इस बार दिसंबर महीने रिकार्डतोड़ सर्दी का सामना किया। इस दौरान तापमान लगातार सामान्य से नीचे बना रहा और शीतलहर के चलते लोग अपने घरों में ही सिकुड़े रहने पर मजबूर बने रहे। मौसम विभाग के आंकड़े बताते हैं कि पिछले पचास सालों में यह तीसरा मौका है जब दिसंबर महीने में इतनी ठंड पड़ी है। इस बार दिसंबर महीने का औसत तापमान 6.7 डिग्री सेल्सियस रहा जो कि सामान्य से 1.6 डिग्री सेल्सियस कम है। इससे पहले वर्ष 2005 में दिसंबर महीने का औसत तापमान इससे कम यानी 6 डिग्री सेल्सियस रहा था।
मौसम विभाग के मुताबिक इस दिसंबर महीने में 14 दिन ऐसे रहे जब न्यूनतम तापमान छह डिग्री सेल्सियस से कम रहा। जबकि, आठ दिन ऐसे रहे जब न्यूनतम तापमान चार डिग्री से कम रहा। पता हो कि चार डिग्री से कम तापमान को ही शीतलहर जैसी स्थिति माना जाता है। शीतलहर जैसी यह स्थिति दिल्ली में छह दिन तक लगातार बनी रही। इससे पहले ऐसा सिर्फ 1973 के दिसंबर माह में हुआ था।
27 दिसंबर रहा सबसे ठंडा:
यूं तो पूरे दिसंबर महीने में ही ठंड अन्य सालों की तुलना में ज्यादा पड़ी लेकिन 27 दिसंबर की सुबह सबसे ज्यादा ठंडी रही। इस दिन तापमान 2.6 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। हालांकि, अधिकतम तापमान पर निगाह डालें तो स्थिति चौंकाने वाली रही। दिसंबर महीने का औसत अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस रहा जो कि इस महीने का सामान्य तापमान है।
बाईस सालों में सबसे कम पड़ा कोहरा:
कोहरे के मामले में भी दिसंबर महीने ने अलग ही रिकार्ड कायम किया है। मौसम विभाग के मुताबिक बीता दिसंबर का महीना पिछले 22 सालों में कोहरे के मामले में सबसे साफ रहा। आमतौर पर दिल्ली में दिसंबर महीने में कोहरे से भरे 300 घंटे को सामान्य माना जाता है। लेकिन, बीते दिसंबर महीने में केवल 145 घंटे ही कोहरे से भरे रहे। जबकि, दिल्ली में सामान्य तौर पर माना जाता है कि नौ रातों में 45 घंटे खूब घने कोहरे वाले होते हैं। लेकिन, इस बार सिर्फ दो रातों में नौ घंटे ही खूब घने कोहरे का सामना दिल्ली वालों को करना पड़ा।
पश्चिमी विक्षोभ की बेरुखी से झेलनी पड़ी ज्यादा ठंड:
मौसम विज्ञानियों के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ की बेरुखी के चलते दिल्ली के लोगों को ज्यादा ठंड झेलनी पड़ी। आमतौर पर दिसंबर के महीने में दिल्ली के मौसम पर पश्चिमी विक्षोभ का असर रहता है। लेकिन, इस बार उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पश्चिमी विक्षोभ का असर ज्यादा रहा। जबकि, दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र इससे थोड़ा दूर रहा। इसके चलते हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी हुई लेकिन दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में सामान्य से बहुत कम बादल बने। इस दौरान हवा भी बर्फबारी की ठंड साथ लेकर उत्तर-पश्चिमी दिशा से बहती रही। इसके चलते भी लोगों को ज्यादा ठंड का सामना करना पड़ा।
दिल्ली के मौसम पर इस बार दिसंबर महीने में पश्चिमी विक्षोभ का असर कम रहा। इसके चलते राजधानी में सामान्य से ज्यादा ठंड पड़ी। 1973 के बाद पहली बार ऐसा हुआ कि छह दिन तक लगातार शीतलहर की स्थिति बनी रही। जबकि, महीने भर में कुल आठ दिन राजधानी शीतलहर की चपेट में रही। कुलदीप श्रीवास्तव, प्रमुख प्रादेशिक मौसम पूर्वानुमान केन्द्र
दिसंबर की ठंड ने राजधानी दिल्ली में 45 साल का रिकॉर्ड तोड़ा
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