डोम्बिवली। डोंबीवली में स्थानीय भवन में उग्र विहारी मुनिश्री कमल कुमार जी के सानिध्य में भिक्षु स्वामीजी की तेरस का आयोजन दो चरणों में किया गया।
प्रथम चरण में प्रातःकालीन प्रवचन में कार्यक्रम की शुभ शुरुआत मुनिश्री द्वारा नमस्कार महामंत्र से हुई उसके पश्चात नव दीक्षित मुनिश्री मुकेश क़ुमारजी ने भिक्षु अष्टकम द्वारा अपने प्रथम मंचीय कार्यक्रम की शुभ शुरुआत डोंबिवली से की जो की डोंबिवली के लिए बड़े गौरव की बात है।
उग्र विहारी मुनिश्री कमल कुमारजी जी स्वामी ने तेरापंथ के भाग्यविधाता भिक्षु स्वामी के सिद्धांतों को बहुत ही स्पष्ट और सरल शैली में श्रावकों को अवगत कराते हुए कहा कि किस प्रकार निर्भीक बनकर भिक्षु स्वामी संयम पथ पर अग्रसर हुए ,जीना धर्म नहीं -मरना धर्म नहीं ,तरना धर्म है अज्ञानी को ज्ञानी बनाना ,व्यभिचारी को सदाचारी बनाना धर्म है । एकेंद्रिय जीवों को मारकर पंचेन्द्रिय का पोषण करना धर्म नहीं है। भोग से त्याग की ओर, हिंसा से अहिंसा की ओर,असंयम से संयम की ओर बढ़कर भिक्षु स्वामी के सिद्धांतों को जीवन में आत्मसात कर हमे अपना आत्मकल्याण करना है।
अभातेमम कार्यसमिति सदस्य जूली मेहता ने भिक्षु स्वामी के गुणगान करते हुए कहा की मर्यादा का कवच पहनकर सत्य के पथ पर आरूढ़ होकर दुर्गम मंजिलो को पार कर तेरापंथ धर्म संघ का सृजन एक क्रांतिकारी वीर पुरुष ही कर सकता है।उपासिका किरण कोठारी ने साध्य -साधन शुद्धि,लौकिक-लोकोत्तर,जीने की इच्छा करना राग -मरने की इच्छा करना द्वेष इन दोनों से ऊपर निकलकर वीतरागता प्राप्ति की ओर कैसे आगे बढ़े पर अपने विचार रखे । साथ ही तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष ललित मेहता सभा मंत्री गणपत हिंगड कोषाध्यक्ष कांतिलाल कोठारी महिलामंडल अध्यक्ष सीमा कोठारी मंत्री अनीता धाकड़ ने गुरुशरणम यात्रा के पाँचवे चरण के बैनर का अनावरण किया गया ,मुनिश्री ने अपने उदबोधन में फरमाया कि यह एक बहुत ही अच्छा उपक्रम है और अधिक से अधिक श्रावकों को इस सेवा के क्रम से जुड़ने की प्रेरणा दी।
तेयूप मंत्री राहुल कोठारी ने गुरुशरणम यात्रा की जानकारी दी और आजीवन आतिथ्य प्रायोजक श्रद्धा की प्रतिमूर्ति स्वर्गीय मोहनीदेवी भेरुलाल परमार सुपुत्र रेखा जगदीश परमार ने स्वीकृति प्रदान की ।संयोजक के रूप में महावीर सिंघवी और हितेन कच्छारा की नियुक्ति की।द्वितीय चरण में रात्रिकालीन प्रवचन में मुनि श्री कमल कुमारजी अमन मुनि मुकेश मुनि ने भी सुमधुर गीतिका का संगान कर वातावरण को भिक्षुमय बना दिया।
मुनि श्री ने फरमाया जब तक नहीं करेंगे संस्कारों को पुष्ट नही कर पायेंगे अपनी आत्मा को तुष्ट । हमें अपनी शक्ति समय अर्थ और चिंतन का संगोपन नही सदुपयोग करना चाहिए।सभा, ते यू प, महिला मंडल ,किशोर – कन्या मंडल और ज्ञानशाला सभी संस्थाओं ने भी स्वामीजी के सुमधुर गीतों का संगान कर अपने आराध्य को भावांजलि अर्पित की।संचालन संजय खाब्या ने किया। 9 साध्वी प्रमुखाजी पर आधारित कन्या मंडल की क्विज प्रतियोगिता “अन्वेषण ” के परिणाम घोषित किए गए मुनिश्री की प्रेरणा से अच्छी संख्या में पचरंगी सामयिक और साथ ही उपवास बेलें तेले और साथ ही कई बहनों ने पौषध कर स्वामीजी की तेरस को हर्षोल्लास से मनाया।
डोंबिवली में उग्र विहारी मुनिश्री कमल कुमारजी के सानिध्य में विविध कार्यक्रम
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